
आसमान से गिरे खजूर में अटकाए गए महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक धाकड़
प्रधानमंत्री के महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण के महज कुछ दिनों पूर्व महाकाल प्रशासक को हटाया
उज्जैन, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण के निर्माण का अवलोकन करने के महज एक दिन बाद ही महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को हटाया गया, यकायक महाकाल प्रशासक को हटाना कई प्रश्नों को जन्म दे रहा है, प्रशासनिक, राजनीतिक एवं संघ के गलियारों में प्रशासक को हटाना चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं उनका हाल आसमान से गिरा खजूर में अटका जैसा हो गया है।
बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक पद पर काबिज़ होने से पूर्व गणेश धाकड़ उज्जैन नगर निगम के वित्त विभाग के अपर आयुक्त के रूप में कार्यरत थे लेकिन तत्कालीन निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने उन्हें रिलीव कर दिया था लेकिन उस समय गणेश धाकड़ ने कमिश्नर के रिलीव करने के फैसले पर यह कहकर प्रश्न चिन्ह लगाया था कि उनका जब स्थानांतरण ही नहीं हुआ है ऐसे में उन्हें रिलीव कैसे किया जा सकता है, कुछ घंटों पूर्व महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक के पद से भी उन्हें हटा दिया गया है और उन्हें किसी नई पद स्थापना का आदेश भी प्राप्त नहीं हुआ है ऐसे में गणेश धाकड़ के सामने बड़ी दुविधा का विषय खड़ा हो चुका है कि कल वे काम करने कहां जाएंगे, ऐसे में वह कहावत यहां सार्थक होती है कि आसमान से गिरा और खजूर में अटका।
महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण के कार्यों का अवलोकन महज 2 दिन पूर्व ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है और इसी दौरान उन्होंने महाकाल कोरिडोर के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 अक्टूबर को उज्जैन आने की जानकारी दी , उसके महज एक दिन बाद ही महाकाल मंदिर प्रशासक को हटा दिया गया , महाकाल प्रशासक को यकायक हटाने के पीछे क्या कारण है यह अभी स्पष्ट नहीं है।
ज्ञात रहे कि लगभग 1 वर्ष पूर्व महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक के रूप में गणेश धाकड़ ने कार्यभार संभाला था , गणेश धाकड़ उज्जैन नगर निगम में वित्त शाखा के अपर आयुक्त पद पर रहते हुए महाकाल प्रशासक बनाए गए थे,महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इन्हीं के कार्यकाल में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए थे, महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत महाकालेश्वर मंदिर के सामने भी निर्माण कार्य चल रहा है और महाकालेश्वर मंदिर के पीछे मृदा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं , महाकालेश्वर मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर पुराने निर्माण कार्य को तोड़कर नए निर्माण कार्य किए जा रहे हैं जिसके कारण से महाकालेश्वर मंदिर की ओर आने वाले सभी रास्ते प्रभावित हो रहे हैं, इन सबके बीच प्रधानमंत्री के द्वारा महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण किया जाना है, ऐसे में यकायक महाकाल प्रशासक को हटाया गया है , ऐसा क्यों किया गया है इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
महाकालेश्वर मंदिर के नए प्रशासक के रूप में इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त के रूप में कार्य कर रहे संदीप सोनी को बनाया गया है, संदीप सोनी को उज्जैन विकास प्राधिकरण का सीई ओ का प्रभार भी सौंपा गया है।
बहर हाल प्रधानमंत्री के उज्जैन महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण के महज कुछ दिन पूर्व संदीप सोनी का महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक के रूप में पदभार विकास प्राधिकरण के सीईओ के अतिरिक्त पदभार के साथ मंदिर की व्यवस्थाओं को संचालित करना एक चुनौती भरा कार्य होगा,वहीं महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक के पद से हटाए जाने के बाद और नगर निगम वित्त विभाग के अपर आयुक्त के पद से रिलीव होने के बाद बिना कार्य भार के गणेश धाकड़ की आगे क्या राह होगी, कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी वे आसमान से……
