ख़बर का असर,निगम के तीन अधिकारियों को निगम को राजस्व हानि पहुंचाने पर सिंघम कमिश्नर ने दिया नोटिस

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http://nationallive.in/?p=2429 यह लिंक नेशनल लाइव की सिटी बस के मामले में नगर निगम अधिकारियों द्वारा की जा रही धांधली के विषय में खबर की है।

नगर निगम के सिंघम कमिश्नर ने निगम को राजस्व हानि पहुंचाने वाले अधिकारियों पर कसा शिकंजा

उज्जैन, नगर निगम सिटी बस मामले में हुए भ्रष्टाचार की काली किताब का पन्ना उज्जैन नगर निगम के सिंघम के नाम से जाने जाने वाले निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता ने खोल दिया है जिसके तहत उज्जैन सिटी बस संचालन और संधारण के मामले में कई अनियमितताएं हुई है जिसके सारण नगर निगम के अधिकारियों ने ही नगर निगम को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई , जिसके चलते मामले की छानबीन करते हुए निगम कमिश्नर ने नगर निगम के 3 अधिकारियों को लगभग ढाई करोड़ से अधिक की राजस्व हानि नगर निगम को पहुंचाने का जिम्मेदार माना है, जिसके तहत नगर निगम के तीनों अधिकारियों को निगम कमिश्नर ने नोटिस थमाया है।

गौरतलब है कि नगर निगम की सिटी बसों का संचालन एवं संधारण करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से तीन अधिकारियों सुनील जैन , प्रभारी महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम , विजय गोयल , प्रभारी उप महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम, पवन कुमार लोढ़ा, प्रभारी सहायक महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लमिटेड नगर निगम को सौंपी गई थी, सिटी बस के संचालन और संधारण में कई अनियमितताएं उपरोक्त तीनों अधिकारी द्वारा की गई ऐसा पाया गया है जिसके चलते नगर निगम उज्जैन को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई ।

दरअसल नगर निगम को 89 सिटी बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन योजना के तहत मिली थी इसका संचालन अर्थ कनेक्टिविटी द्वारा 2015 अनुबंध के तहत किया गया लेकिन कनेक्टिविटी के संचालक एवं नगर निगम के उपरोक्त अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नगर निगम को कई करोड़ की राजस्व हानि पहुंचाई गई इसके बाद कंपनी को ब्लैक लिस्ट में घोषित कर दिया गया जिससे नगर निगम को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई, वर्तमान में सिटी बसों के हालात यह है कि 89 सिटी बसों में से 10 सिटी बस भी चलने की हालत में नहीं है बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को 25 सिटी बसें चलाने का टेंडर पास कर दिया लेकिन हालात यह है कि 25 में से 10 सिटी बस भी चलने की हालत में नहीं है शुरुआती दौर में 5 से 6 सिटी बस संचालन कंपनी द्वारा शुरू की गई जिस में भी अनियमितताएं की गई सिटी बस शहर में ना चल कर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही है।

बहर हाल नेशनल लाइव ने उक्त मामले को प्रमुखता से खबर के माध्यम से उठाया था जिस पर नगर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता ने मामले की जांच कर उपरोक्त नगर निगम अधिकारियों को मामले में दोषी पाया और उक्त तीनों अधिकारियों को नगर निगम कमिश्नर द्वारा नोटिस जारी किया गया है इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।


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