
क्या बातों के हवाई फायर से कांग्रेस पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में बाजी मार पाएगी?
चुनाव प्रभारी के पास चुनावी मुद्दे ही नहीं
उज्जैन,पूर्व मंत्री व संभागीय चुनाव प्रभारी सज्जनसिंह वर्मा ने एक प्रेसवार्ता आयोजित की, जिसमें पत्रकारों के सवालों का गोलमोल जवाब देकर मजाक बनाया, जहां एक और होटल में संभागीय चुनाव प्रभारी प्रेस कॉन्फ्रेंस ले रहे थे तो वहीं दूसरी ओर शहर कांग्रेस अध्यक्ष रैली में व्यस्त थे , जिसके चलते कॉन्ग्रेस के कई नेताओं कि एक दूसरे के कार्यक्रमों में कमी और गुटबाजी स्पष्ट नजर आई, बात करें आने वाले पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय के चुनाव की तो प्रभारी मंत्री के पास आने वाले चुनावों के लिए चुनावी मुद्दे ही नहीं थे , चुनावी मुद्दों के पत्रकार के सवाल पर प्रभारी मंत्री चुप्पी साध गए और कोई जवाब नहीं दे पाए ।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के तत्कालीन प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपने शुरुआती उज्जैन दौरे में मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार पर सिंहस्थ में करोड़ों रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया था और इस मुद्दे को सदन के पटल पर रखने का भी भरोसा जताया था और इस घोटाले में मध्य प्रदेश के तत्कालीन भाजपा सरकार के कई मंत्री के शामिल होने की बात भी कही थी लेकिन आज जब इस मुद्दे को लगभग 5 साल बीत चुके हैं और पत्रकार ने जब उनसे सवाल किया कि सिंहस्थ घोटाला जिसको की कांग्रेस कि सरकार ने पर्दाफाश करने के लिए प्रतिबद्ध बताया था लेकिन लगभग 5 साल बीतने के बाद भी मध्यप्रदेश का विपक्ष इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं इसके जवाब में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मंत्री औपचारिक जवाब देते हुए कहा की सिंहस्थ घोटाले को हम भूले नहीं हैं किसी कारण से हम इसको सदन के पटल पर नहीं रख पाए और सिंहस्थ घोटाला करने वालों को हम जेल की सलाखों के पीछे भेजने में पूरा जोर लगाएंगे।
जहां तक मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव की बात है और इसमें भी उज्जैन जिले की बात करें तो उज्जैन जिले में कांग्रेस के चार विधायक हैं और सभी ग्रामीण क्षेत्र से हैं बावजूद इसके किसानों के ज्वलंत मुद्दों ,महंगाई आदि को उठाने में अब तक नाकामयाब रहे हैं, और आगे चुनाव में जिले के ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतों में किसानों के हित के लिए चुनावी मुद्दों की कांग्रेस संगठन के पास कमी है।
नगरीय निकाय चुनाव भी उज्जैन में होना है ज्ञात रहे कि पिछले 2 साल से कोरोना के चलते नगरी निकाय चुनाव नहीं हो पाए हैं जिसके चलते जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच एक बड़ी दूरी हो चुकी है बावजूद इसके उज्जैन शहर की जनता के ज्वलंत मुद्दे जिसमें पेयजल व्यवस्था, रोजगार, मेडिकल कॉलेज , सिंहस्थ भूमि पर भू माफियाओं का कब्जा एवं अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जाना, सिंहस्थ क्षेत्र में बाहुबलियों की कॉलोनियों को छोड़कर गरीबों के मकान तोड़ना,मास्टर प्लान में मनमाने बदलाव, शिप्रा शुद्धीकरण का मुद्दा, टाटा सीवरेज पाइपलाइन का मुद्दा, और सिंहस्थ को महज 6 साल रह जाने पर भी सिंहस्थ प्राधिकरण का शून्य रहना आदि जैसे कई प्रमुख मुद्दे जो जनता से सीधे जुड़े हुए हैं जिन्हें कांग्रेस आने वाले चुनाव में भुना सकती है लेकिन कांग्रेस संगठन के पास इस प्रकार के जनता से सीधे जुड़े चुनावी मुद्दों की कमी है।
बहर हाल कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी मुद्दों को छोड़कर कांग्रेस का भीतर कलह और गुटबाजी सिर चढ़कर बोलता दिखा, आने वाले चुनाव में कॉन्ग्रेस पार्टी जनता की समस्याओं से सीधे रूबरू होकर इसका कितना फायदा चुनाव में उठा पाती है कहना जल्दबाजी होगी।
