
जलवा
तड़तड़ी…..
पक्षता और निष्पक्षता के बीच झूलता न्याय….
मामला गोविंद रामचंदानी की मौत का …
मौत के 2 माह बाद ही मिल गया था…सुसाईड नोट लेकिन पुलिस ने 2 वर्ष तक छुपाया??????
साक्ष्य छुपाने वालो पर भी जीवाजीगंज थाना पुलिस रही मेहरबान, बगैर जांच ही बंद कर दी फाईल…..!!!!!!
उज्जैन….गीता कॉलोनी निवासी सिंधी समाज के युवा व्यवसाई गोविंद पिता रमेश चन्द्र रामचंदानी की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है….अब गोविंद के पिता और पत्नी संपत्ति को लेकर आपस में झगड़ रहे हैं… उस वक्त गोविंद की पत्नी चंचल को देवी और साले रवि पमनानी को देवता बताने वाले गोविंद के पिता अब उन्हें उसका कातिल कह रहे हैं… इस सबंध में उन्होंने एसएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला को एक लिखित आवेदन देकर गोविंद की आत्महत्या की पुनः जांच की मांग भी की है… जिसमें उन्होंने लिखा है कि गोविंद की आत्महत्या के लिए उसकी पत्नी चंचल, साला रवि पमनानी और ससुर लक्ष्मदास पमनानी जिम्मेदार हैं … आवेदन के साथ गोविंद द्वारा लिखा गया सुसाईड नोट, गोविंद द्वारा पत्नी के विरुद्ध लगाया गया तलाक का केस और करोड़ो के लेनदेन की जानकारी भी संलग्न की है…
आख़िर दो वर्ष के मौन का सबब…????

गोविंद के पिता 2 वर्ष बाद जागे इसके पीछे की वजह तो पैसा और प्रॉपर्टी है… लेकिन जीवाजीगंज थाना पुलिस के 2 वर्ष तक सोये रहने की वजह समझ से परे है… जबकि पुलिस ने 2 माह बाद ही सुसाईड नोट जब्त कर लिया था… फिर आखिर उसे 2 वर्ष तक छुपाकर क्यों रखा गया क्यों ???? पुलिस इतनी जल्दी में क्यों थी????किसका दबाव प्रभाव था?????जीवाजीगंज टीआई भदौरिया और सीएसपी नेगी ने गोविंद की मौत के सारे साक्ष्य दबाकर फाईल बन्द कर दी क्यों ???? सुसाईड नोट मिलने के बाद भी कोई एक्शन नही लिया क्यों ???? ऐसे कई क्यों हैं… जिसका जवाब जीवाजीगंज थाना पुलिस 2 साल से दबाए छुपाए बैठी है …और अब जब मामला फिर से खुला है औऱ एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने जांच का आश्वासन दिया है तो इन सारे सवालों से पर्दा उठने की कुछ उम्मीदें जगी है…. हालांकि अभी भी इस कहानी में कई अहम सबूत औऱ साक्ष्य उजागर होना बाकी हैं… देखते है पुलिस इस बार निष्पक्षता से जांच कर गोविंद रामचंदानी को इंसाफ दिलाती है या फिर इस करोड़ो रुपयों की लड़ाई में उलझकर फिर से कमाई में लग जाती है… क्योंकि जिस तरह से सीएसपी नेगी और टीआई भदौरिया ने इस मामले को इतना प्रकाशित होने के बाद भी दबाकर रखा… उससे तो यही सिद्ध होता है कि गोविंद के खून से वर्दी के हाथ भी कुछ कम रंगे हुए नही हैं… जबकि हमने उसी समय पुरे मामले का खुलासा उस समय ही कर दिया था और गोविंद की आत्महत्या की वजह के साथ ही उसके द्वारा लिखे गए सुसाईड नोट का भी खुलासा किया था…. जिसे घटना के 2 माह बाद पुलिस ने एक डिवाइस से बरामद भी किया था…. लेकिन इसके बाद भी किसी पर कोई एक्शन नही लेकर मामले की जाँच पूर्ण कर फाइल बन्द कर दी गई…
गोविंद के पिता भी ना जाने किस मजबूरी में उस समय गोविंद के हत्यारों के साथ रहे और मौन थे… आज जब उनके हाथ से गोविंद का घर, फैक्ट्री, पॉलिसी, पैसा और न्यू ब्रांड काली गाड़ी चली गई…. तब जाकर वो सामने आए हैं… हालांकि उनकी ये लड़ाई भी गोविंद के लिए इंसाफ की कम और पैसा प्रॉपर्टी की ज्यादा है… इसलिए कहना मुश्किल है कि इस बार भी गोविंद को इंसाफ मिलेगा क्योंकि जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी उक्त परिवार के समझौते भी तेज होते जाएंगे और हमेशा की तरह वे लोग पीसे जाएंगे जो गोविंद को इंसाफ दिलाना चाहते हैं…. खैर पुलिस को कम से कम इस बार तो अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए…ताकि आगे से किसी की आत्महत्या इस तरह की मिस्ट्री बनकर न रह जाए….
समाज ने भी की थी मांग…..
मैं आप सुधि पाठकों को यहाँ ये भी बताना चाहूंगा कि जब हमारे द्वारा उस वक़्त इस मामले के पुख़्ता ख़ुलासे किए जा रहे थे… तब सिंधी समाज भी अपने समाज के लाडले होनहार युवा व्यवसायी गोविंद की मौत के कारणों की निष्पता की जाँच के लिए आला हुक्मरानों की चौखट तक पहुंचा था और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की गुहार लगाई थी…लेकिन फिर वही क्यों सामने आ जाता है कि ना जाने क्यों वो फाइल जिम्मेदारों ने बन्द कर दी…लेकिन अब जब दो साल बाद उस फाइल पर से धूल हटने जा रही है तो कुछ तो होना ही चाहिए निष्पक्ष….
*आप सुधि पाठकों के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ ख़ास करके वो सोसाईड नोट भी पेश कर रहे हैं जिसे दो साल लग गए बेपर्दा होने में…और गोविंद की मौत के कारणों में से कुछ कारण भी दिए जा रहे हैं…गौर फरमाइयेगा….और फिर आप सुधि पाठक बताईयेगा कि उस समय के हमारे खुलासे सही थे या पुलिस की कारगुजारी सही थी????….और हाँ यहाँ मैं स्पष्ठ कर दूं कि हमारा किसी से कोई लीजे दीजे नहीं है इस मामले में…बस व्यवस्था और अव्यवस्था में निष्पक्षता ही हमारी मांग थी है और रहेगी….एक युवा व्यवसायी को न्याय मिलना चाहिए बस भले ही मौत के बाद ही सही….*
चलिए अब चलता हूँ फिर मिलने के वादे के साथ …..तब तक आप सुधि जल्वेदार अपना जलवा क़ायम रखें दुनिया जले तो जलने दें….
आप जल्वेदारों में से एक जल्वेदार….
जय कौशल
उज्जैन (म.प्र.)
09827560667
07000249542
