
जांच की आंच से बचने के लिए ,हो रही नीलामी की तय्यारी
कौन है? नगर निगम को खोखला करने वाले अधिकारी
निगम वर्कशाप से बस और ट्रकों के लाखों रुपयों के पार्ट्स की हो रही है हेरा फेरी
उज्जैन, नगर निगम के वर्कशॉप में सिटी बस ,ट्रक, रोडवेज की बस एवं कचरा गाड़ी सहित कई वाहन रखे हुए हैं, वर्कशॉप से संबंधित जिम्मेदारअधिकारी एवं कर्मचारियों की गैर जिम्मेदाराना एवं शातिराना कार्यशैली के चलते प्रतिदिन वर्कशॉप में रखें इन वाहनों में से पार्ट्स की हेरा फेरी खुलेआम हो रही है आलम यह है कि बसों एवं ट्रकों में से खड़े वाहनों से टायर एवं इंजिन आदि के पार्ट्स निकाले जा रहे हैं और वाहनों को ईट के सहारे खड़ा किया जा रहा है , वर्कशॉप में लगे सीसीटीवी कैमरे कई महीनों से बंद है
जिसका फायदा उठाकर रातो रात निगम के वर्कशॉप से लाखों रुपए का सामान गायब हो रहा है,

और अब लाखों रुपए के सामान के गायब होने की जांच कि आंच से बचने के लिए निगम के यह शातिर अधिकारी वर्कशॉप में रखे हुए वाहनों को यथास्थिति नीलाम करने की तैयारी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि नगर निगम उज्जैन के पास सिंहस्थ के समय अर्थात कुछ साल पहले ही 89 सिटी बसें खरीदी गई थी लेकिन 2019 के बाद लगे कोरोना के चलते लाख डाउन के कारण लगभग 2 साल बसे नहीं चल पाई जिसका खामियाजा यह हुआ कि वर्तमान स्थिति में 10 सिटी बस में भी चलने की स्थिति में नहीं है आलम यह है कि सिटी बसों में रखी लाखों रुपए कीमत की स्टेफनी गायब हो चुकी है और तो और खड़ी बसों में से टायर भी निकाल लिए गए हैं इसके साथ साथ नगर निगम के कचरा संधारक ट्रकों से भी टायर निकाल लिए गए हैं।
सिटी बसों में लगी हुई बड़ी बैटरीयां , जिसमें एक बैटरी की कीमत लगभग 30 से 35 हजार रुपए है , लगभग सभी बसों में से लाखों रुपए कीमत की बैटरीयां गायब हो चुकी हैं जिस पर नगर निगम के वर्कशॉप के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं, नगर निगम के आला अधिकारी सब कुछ जान कर भी अंजान बने हुए हैं।

नगर निगम के वर्कशॉप से अब तक लाखों रुपए के वाहनों के पार्ट्स की हेराफेरी हो चुकी है जिसकी जांच की आंच से बचने के लिए आनन-फानन में ओने पौने दामों पर नगर निगम के वर्कशॉप में रखें इन खोखले वाहनों अर्थात पार्ट्स निकाले हुए वाहनों की नीलामी की तैयारी की जा रही है ताकि यथास्थिति में रखें वाहनों को नीलाम कर दिया जाए और वाहनों में से निकाले गए लाखों रुपए के पार्ट्स की वारदात पर पर्दा डाला जा सके।

बहर हाल इस मामले में जरूरत इस बात की है कि निगम के आला अधिकारी वर्कशॉप में रखें वाहनों की नीलामी से पूर्व फिजिकल जांच करवाएं ताकि नगर निगम के वर्कशॉप में रखें बस ट्रक एवं रोडवेज की बसों की वास्तविक एवं यथास्थिति स्पष्ट हो सके एवं बसों एवं अन्य वाहनों में लगे पार्ट्स की हेराफेरी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके, नगर नगर निगम के वर्कशॉप में रखे इन वाहनों की निगम के आला अधिकारी पारदर्शी जांच करवाते हैं ऐसे में नगर निगम के कई जिम्मेदार अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं

और एक बहुत बड़े घोटाले के उजागर होने की संभावना है, अब देखना यह है कि निगम के आला अधिकारी वर्कशॉप की जांच का साहसीक कदम उठाते हैं या निगम के ऊंची पहुंच रखने वाले अधिकारी इस जांच की आंच से बच जाएंगे।
