
निगम के जिम्मेदार अधिकारियों कोही जांच अधिकारी बनाया
निगम के अधिकारियों ने जिंदगी को बनाया मजाक
क्या नगर निगम के गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी

उज्जैन, नगर निगम के नवनिर्मित स्विमिंग पूल में तनवीर नाम के मासूम बच्चे की डूबने से मौत हो गई तनवीर की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए नगर निगम आयुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों की टीम गठित की है लेकिन जांच अधिकारियों की टीम पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं ऐसा इसलिए है कि नगर निगम के स्विमिंग पूल में फैली हुई अव्यवस्थाओं के चलते एक किशोर की जान चली गई और इन्हीं अव्यवस्थाओं से युक्त नगर निगम के स्विमिंग पूल की प्रभारी अधिकारी नीता जैन है ताज्जुब की बात यह है कि इन्हीं प्रभारी अधिकारी को ही नगर निगम के स्विमिंग पूल में बच्चे के डूब जाने के वास्तविक कारणों का पता लगाने के जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है इससे स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता है कि अव्यवस्थाओं से सराबोर नगर निगम स्विमिंग पूल की प्रभारी अधिकारी को ही जांच अधिकारी बनाने पर नगर निगम स्विमिंग पूल में फैली अवस्थाएं एवं बच्चे की मौत का वास्तविक कारण सामने आएगा इसमें संदेह व्यक्त किया जा रहा है जहां एक तरफ कांग्रेस नेता भरत पोरवाल ने स्विमिंग पूल में अव्यवस्थाओं के चलते बच्चे तनवीर की मौत होने पर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए शिवराज सरकार से गुहार लगाई है तो वहीँ नगर निगम स्विमिंग पूल अधिकारी को ही मौत होने के वास्तविक कारणों का पता लगाने का जांच अधिकारी भी नियुक्त किया गया है , जांच टीम में मनोज पाठक अपर आयुक्त, नीता जैन उपायुक्त एवं विधु कोरव सहायक यंत्री हैं , इस जांच समिति पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं।
गौरतलब है कि जांच अधिकारियों की लिस्ट में एक और महिला अधिकारी विधु कौरव को शामिल किया गया है जोकि कुछ दिनों पूर्व इसी अव्यवस्थाओं से सराबोर नगर निगम के स्विमिंग पूल की प्रभारी अधिकारी रही हैं।
ज्ञात रहे कि नगर निगम के स्विमिंग पूल में बच्चे तनवीर की मौत के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं तनवीर के परिवार जनों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के स्विमिंग पूल में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे और नगर निगम के कर्मचारी मूकदर्शक बनकर तनवीर के डूबने का तमाशा देखते रहे बावजूद इसके नगर निगम के कर्मचारियों ने हादसे के तुरंत बाद नगर निगम के स्विमिंग पूल में ताला लगा कर बच्चों को वहां अकेला छोड़ दिया इस हालत में बच्चे करीब 1 घंटा स्विमिंग पूल में कैद रहे और बच्चों का कहना है कि हम पीछे के रास्ते से बाहर निकल कर हादसे की जानकारी अपने परिजनों को दी।
आपको बता दें कि नगर निगम का स्विमिंग पूल लापरवाही का अड्डा कई समय से बन रहा था और सौ सौ पचास पचास रुपए देकर कोई भी नगर निगम के स्विमिंग पूल में प्रवेश पा रहा था जब इसकी शिकायत स्विमिंग पूल के जिम्मेदार अधिकारी को की गई तब शिकायत करता की स्विमिंग पूल के जिम्मेदार अधिकारी से काफी बहस भी हुई थी लोगों ने शिकायत की थी की नगर निगम के स्विमिंग पूल में परफेक्ट ट्रेनर नहीं है ऐसे में किसी के भी डूब जाने का खतरा बना रहता है लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस गंभीर बात को अनसुना कर दिया जिसका नतीजा आज सबके सामने है, स्विमिंग पूल के हालात यह है कि स्विमिंग पूल का पानी गंदा और हरा हो चुका है जिसके चलते स्विमिंग पूल की तलहटी में अगर कोई डूब जाता है तब ऊपर से उसे देखा नहीं जा सकता स्विमिंग पूल में नगर निगम की ओर से कोई परफेक्ट ट्रेनर एवं जान बचाने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं ऐसा बच्चों के परिजनों एवं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है।
तनवीर के डूब जाने के बाद मीडिया सहित कई लोगों ने नगर निगम के आला अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
बहर हाल नगर निगम के स्विमिंग पूल में तनवीर से डूब जाने की वजह से मौत हो गई ,अब देखना यह है कि इस मामले की पूरी तह तक सच्चाई जानने के लिए गठित की गई जांच टीम द्वारा मौत की असली कारणों का पता लगा पाएगी ? जबकि जांच टीम में स्विमिंग पूल प्रभारी अधिकारी को ही जांच अधिकारी भी नियुक्त किया है ।
