निगम के ओर प्राइवेट शौचालय, फर्क साफ साफ है, निगम के कर्मचारियों की अनदेखी प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दे रही

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निगम के ओर प्राइवेट शौचालय, फर्क साफ साफ है, निगम के कर्मचारियों की अनदेखी प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दे रही
निगम द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालय अव्यवस्था से हो रहे हैं सराबोर, निगम कर्मचारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली हो रही है उजागर

उज्जैन, स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 को लेकर उज्जैन नगर निगम शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के सपने देख रही है लेकिन शहर में नगर निगम द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों की हालत देखकर उज्जैन नगर निगम शहर को कई सालों तक स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल नहीं ला सकता नगर निगम द्वारा उज्जैन शहर में सैकड़ों की तादाद में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं लेकिन अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि किसी भी शौचालय में लगे सभी सुविधा के उपकरण जैसे पानी की टंकी, वाशबेसिन, नल की टोटियां, बिजली के बल्ब यहां तक की शौचालय में लगे दरवाजे तक गायब हो चुके हैं, शहर के लगभग सभी सार्वजनिक शौचालय गंदगी से सराबोर हो रहे हैं सफाई का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं है और इन सार्वजनिक शौचालय में लगे साजो सामान भी गायब हो चुके हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी इससे अंजान बने हुए हैं निगम कर्मचारियों द्वारा सार्वजनिक शौचालयों की नियमित देखभाल एवं साफ सफाई नहीं किए जाने के कारण से शहर के सार्वजनिक शौचालय व्यवस्थाओं के शिकार हो रहे हैं और इसी के चलते चारो तरफ गंदगी व्याप्त है जबकि नगर निगम के अधिकारियों ने शहर में कुछ जगह प्राइवेट कंपनियों को फ्रेश रूम्स बनाने की योजना के अंतर्गत शहर में कई फ्रेश रूम प्राइवेट कंपनियों द्वारा बनाए गए है जिसमें बाहर से आने वाले यात्रियों एवं विशेषकर महिलाओं के लिए सर्व सुविधा युक्त फ्रेश रूम बनाए गए हैं शौचालय का उपयोग निशुल्क होता है लेकिन शौचालय का उपयोग करने के बाद लोगों को एक कप कॉफी दी जाती है जिसका 10 रुपया चार्ज लिया जाता है पूरी तरीके से वातानुकूलित इन फ्रेश रूम में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है , नगर निगम फ्रेश रूम को संचालित करने वाली कंपनी से प्रतिमाह शुल्क वसूल करता है

बहर हाल नगर निगम कर्मचारी एवं अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के चलते लाखों रुपए की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे हैं जबकि प्राइवेट कंपनियों द्वारा संचालित सार्वजनिक शौचालय फ्रेश रूम सर्व सुविधा युक्त एवं स्वच्छता युक्त हैं जिनसे नगर निगम शुल्क वसूल करता है ऐसे में स्पष्ट है कि नगर निगम के शासकीय कर्मचारियों की कार्यशैली जिसमें अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है और दूसरी तरफ प्राइवेट कंपनियों द्वारा संचालित फ्रेश रूम्स शौचालय की व्यवस्था,
फर्क साफ है।


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