कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा,ओर भानुमति ने कुनबा जोड़ा ,की तर्ज पर तैयार हो रही भंगार सिटी बसें

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10 भंगार सिटी बसों का एक्सपीरियंस आगे देगा बड़ा फ़ायदा, लेकिन भंगार सिटी बसें यात्रियों की जान के साथ बन सकती है जोखिम
उज्जैन, 25 सिटी बस के संचालन का टेंडर विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को पहले ही दिया जा चुका है, मेंटेनेंस पर अधिक खर्च होने के कारण से सिटी बस के संचालन में देरी हो रही थी इस वजह से अभी सिर्फ 10 सिटी बस का ही संचालन शुरुआत में किया जाएगा।
निगम अधिकारियों के मुताबिक सिटी बस संचालन करने में देरी की वजह मुख्य रूप से 2 साल से बंद पड़ी सिटी बसों का मेंटेनेंस था नगर निगम ने मेंटेनेंस के लिए आइसर कंपनी से स्टीमेट करवाया था जिसमें लगभग एक बस पर मेंटेनेंस का खर्च लगभग 1 लाख रुपए आ रहा था और 25 बसों का मेंटेनेंस कराने में नगर निगम को लगभग 30 लाख रुपए खर्चा आ रहा था जिसे नगर निगम की मौजूदा माली हालत के मुताबिक खर्च करना संभव नहीं था जिसके चलते टेंडर धारी कंपनी से इस संबंध में चर्चा करने पर टेंडर धारी कंपनी ने 10 बसों का मेंटेनेंस खर्च खुद वहन करने के लिए सहमति दी जिसके बाद नगर निगम के यार्ड में 2 साल से खड़ी हुई भंगार हालत की सिटी बस मैसे 10 बसों का मेंटेनेंस विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी द्वारा कराया गया है,वहीं टायर एवं बैटरी लगवाने का खर्च नगर निगम ने वहन किया है।
जानकारी यह भी है कि इन नगर निगम की10 सिटी बसों को तैयार करने में नगर निगम के कर्मठ ओर बरसों पुराने अधिकारियों को काफी मशक्कत करना पड़ रही है, ऐसा इसलिए भी है कि 89 बसों में से कई बसें शहर के कई स्थानों पर पड़ी है,जिसकी जानकारी निगम के आला अधिकारी को भी नहीं है, जानकारी यह भी है कि इन बसों मेसे टायर, बैटरी, ओर कई पार्ट्स की हेराफेरी हो चुकी है, जिसकी जानकारी डिपो इंचार्ज को भी नहीं है ऐसा उनका कहना है, निगम अधिकारी का कहना है कि अर्थ कनेक्टिविटी जोकि सिटी बस का संचालन करता था उससे कई सिटी बसों की सुपुर्दगी निगम को आज तक नहीं हुई है और जिसके चलते नगर निगम ने अर्थ कनेक्टिविटी पर लाखों रुपए की पेलेंट्री लगा रखी है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना सिटी बसों की सुपुर्दगी लिए नगर निगम अन्य कंपनी को कैसे दे सकता है
नगर निगम के वर्षों पुराने कर्मठ अधिकारियों की देखरेख में पिछले कई दिनों से 10 सिटी बसों के संचालन के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है सिटी बसों में टायर और बैटरी आदि के लिए बड़ी जोड़-तोड़ करना पड़ रही है कहीं से बैटरी लाई जा रही है तो कहीं से पुराने रिमोल्ड टायर लाकर लगाए जा रहे हैं, ताकि किसी तरह 10 सिटी बसें कुछ दिनों तक चलने लायक हालत में दिखाई जा सके और इसका लाभ कंपनी को भविष्य में चलने वाली बसों के लिए मिल सके।

सिटी बसें उज्जैन शहर में एवं उज्जैन से जिले के आसपास के क्षेत्रों में चलने लगेगी उज्जैन जिले की तहसील नागदा खाचरोद महिदपुर घटिया तराना बड़नगर मैं प्राथमिक रूप से सिटी बसों का संचालन किया जा सकता है इसके साथ ही आगर और शाजापुर के रूट पर भी सिटी बस उज्जैन से चलाई जा सकती है।
गौरतलब है कि विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को 83 रुपए प्रतिदिन प्रति बस के हिसाब से संचालन का टेंडर मिला है,जिसमे एक ऑटो रिक्शा का मिलना भी सम्भव नहीं है, लेकिन नियमों को ताख पर रखकर सिंगल टेंडर को ही मान्य कर लिया गया ,इसमें 10 लाख रुपए मॉर्टगेज राशि टेंडर कंपनी को नगर निगम में जमा करना होगा निगम के अधिकारियों ने बताया कि टेंडर धारी कंपनी 25 बसों का मेंटेनेंस खर्च वहन करने में असमर्थ होने के चलते अभी सिर्फ 10 बसें ही चलाई जा रही है।
बहर हाल उज्जैन नगर निगम के कर्मठ एवं बरसों पुराने विश्वसनीय अधिकारी जिनका कुछ दिनों पूर्व यह कहना था कि 89 सिटी बसें भंगार हो चुकी है और चलने लायक स्थिति में नहीं है इसलिए उन्हें नीलाम कर दिया जाएगा लेकिन टेंडर नियमों को ताक पर रखकर अब सिटी बसों को आनन-फानन में कहीं की ईट और कहीं का रोड़ा भानमती ने कुनबा जोड़ा की तर्ज पर सिटी बसों को तैयार किया जा रहा है लेकिन यह पुरानी सिटी बस यात्रियों के लिए कितनी सुरक्षित होंगी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि सिटी बसों के अधिकतर पुर्जे जंग खा चुके हैं ऐसे में किसी हादसे के होने से इनकार नहीं किया जा सकता ऐसे में निगम कमिश्नर साहब को इन भंगार सिटी बसों की बारीकी से जांच करने की आवश्यकता है लेकिन जनता को सिटी बसों की सौगात बहुत जल्दी मिलने वाली है।


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