ओमेक्स सिटी का खाता सीज कर प्रकरण दर्ज करने की शिकायत पहुँची कलेक्टर तक…

वादे के मुताबिक़ एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधियों का अपना जलवा लेकर…आज की बड़ी ख़ुशख़बरी ये है कि उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ को एक साथ तमाम कामगार मिलने वाले हैं…जिससे जेल की चक्की पीसने के साथ ये जेल के नए मेहमान दूसरे काम करके अपने परिश्रम से जेल की आमदनी भी बढ़ाएंगे… ये सबकुछ जल्द ही सच होने वाला है…ये कोरी गफ़्फ़बाजी नहीं है ये हक़ीकत में होने वाला है…
कौन हैं ये ताज़ातरीन मेहमान ????
आप सुधि पाठक सोच रहें होंगे की आख़िर केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के ये परिश्रमी मेहमान कौन हैं जो चक्की पीसने के साथ अपने श्रम का दान करके जेल का खज़ाना भी भरेंगे….तो मैं अब खुलासा कर देता हूँ कि ये वो झाँसेबाज, झूठे, चालबाज वो बाघड़बिल्ले हैं जो उज्जैन और आस पास के भोले भाले लोगों को टाउनशिप का सपना दिखा कर अब तक साढ़े तीन सौ करोड़ कागज़ों पर ही वसूल चुके हैं…इसमें अहम भूमिका दिल्ली की नामी कंपनी श्री विनायक सर्विसेस के कर्ताधर्ताओं के साथ सब्जबाज दिखाने वाले ब्रोकर और ओकलुभावन विज्ञापनों को जारी करने वाली विज्ञापन एजेंसी सर्जन के संचालक भी शामिल हैं…देवास रोड नागझिरी के ग्राम लालपुर की भूमि सर्वे क्रमांक 94/1,94/2/1,94/2/2,94/2/3,94/2/4,95/1,95/2,95/3 कुल रकबा 20.242 पर शासकीय नियमों को धत्ता बता कर किसी भी तरह की आवश्यक अनुमति लिए बग़ैर प्री बुकिंग से ही साढ़े तीन सौ करोड़ का बिजनेस कर लिया है…जो भूसंरक्षण अधिनियम के साथ ही धोखाधड़ी लूटखसोट की भारतीय दंड विधान 1860 की विभिन्न धाराओं 420,467,468,469,470,471,120 बी के साथ ही अन्य धाराओं में गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है…रही सही कसर एक फ़र्जी विज्ञप्ति ने पूरी कर दी…
खरफ़ातियों की खुराफ़ातभरी विज्ञप्ति ने ही ज़ाहिर कर दी कारगुजारी….
इसी खुराफ़ाती ओमैक्स सिटी की फ़र्जीयत के बीच एक फ़र्जी विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर चली जो ओमैक्स लिमिटेड 58 ऑरबिट मॉल एबी रोड इंदौर के नाम से जारी हुई… जिसमें जनता को सूचित किया गया है कि मेसर्स ओमैक्स लिमिटेड कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत एक प्रतिष्ठित रियल इस्टेट कंपनी है जिसने इंदौर में पहले ही कुछ आवासीय टाउनशिप विकसित की हैं… अज्ञात व्यक्ति द्वारा सन्देश भेजा गया है कि कंपनी नई परियोजना के साथ आ रही है जो पूरी तरह से असत्य और भ्रामक है…कंपनी द्वारा ऐसी जानकारी जारी नहीं की गई है….इसलिए जनता को ये सलाह दी जाती है कि इस पर गुमराह हुए बग़ैर विश्वास ना करे… किसी भी नई योजना को सक्षम अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करके ही शुरू किया जाएगा और इसके बारे में अधिकृत जानकारी आमजन को उपलब्ध करवाई जाएगी…. एम डी मेसर्स ओमैक्स लिमिटेड…
इस तरह की फ़र्जी विज्ञप्ति जारी करके ओमैक्स के झाँसेबाजों ने बचने का असफल प्रयास करने की नाकाम कोशिश की है…लेकिन इस तरह के गम्भीर अपराध को अंजाम देने वाली कंपनी का बचना इसके बाद भी मुश्किल है… अगर विज्ञप्ति को सही भी मान लिया जाए तो प्रश्न ये उठता है कि अगर परियोजना लॉन्च ही नहीं हुई है तो शहर में लगे तमाम होर्डिंग्स और लोक लुभावन विज्ञापन कैसे परोसे गए…. लोगों से करोड़ों की उगाही कैसे की गई…इस तरह की ठगी पर प्रशासन को भी स्वतः संज्ञान का ज्ञान लेकर ठगौरी कंपनी के कर्ताधर्ताओं के साथ ही कथित ब्रोकरों जिन्हें 5 लाख के बदले डेढ़ लाख का मोटा कमीशन मिला और सर्जन एड एजेंसी के संचालक पर भी भारतीय दंड विधान की विभन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज होना तय है और जो लोग ठगाए हैं वो भी आगे आकर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने के लिए तैयार बैठे हैं….
अब गेंद प्रशासन के पाले में होते हुए कोर्ट की चौखट तक…
अब इस ओमैक्स के झांसे बाजों की बाज़ीगरी की शिकायतें होना लाज़मी हैं और आवेदन प्रशासन तक पहुंचने लगे हैं…इसके बाद भी प्रशासन इस खुराफ़ात को नज़र अंदाज़ करता है तो शायद ये मामला न्यायालय की चौखट तक पहुंच कर प्रशासन को भी भारतीय दंड विधान की 1860 की गिरफ़्त में ले सकता है…ये हम नहीं कहते ये क़ानून कहता है…और क़ानून में कोई खास नहीं है सब आम हैं…अर्थात क़ानून सबके लिए समान है फिर वो मानी हुई कंपनी हो या फिर रसूखदार जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी हों या फिर नेता हों या फिर अभिनेता ही क्यों ना हों…और ब्रोकर और एड एजेंसी की तो बिसात ही क्या है…इसलिए इतने सारे लोग केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के मेहमान बनने वाले हैं…क्योंकि इनका अपराध अक्षम्य है…और न्यायालय से आज भी लोगों की उम्मीदें टूटी नहीं हैं…
देवास रोड स्थित लालपुर रेलवे फाटक के पास 90 बीघा जमीन में गेहूं की खड़ी फसल पर कॉलोनी काटने से पूर्व ही लोगों से खाते में करोड़ों रुपया डलवा चुकी ओमेक्स सिटी की शिकायत शिकायतकर्ता ने कलेक्टर आशीष सिंह को की है….जिसमें शिकायतकर्ता ने मांग की है कि दिल्ली की ओमेक्स सिटी का खाता सीज कर संबंधित 420 करने वालों के ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध हो….
ये है शिकायत का मज़मून….!!!!
यह कि, उक्त कालोनी को इंदौर व दिल्ली के ठग दलालों के माध्यम से अब तक आमजन से करोड़ों रुपयों की ठगी कर आमजन व शासन के साथ धोखाधड़ी कर चुके है, तथा उक्त ठगी रकम दिल्ली के एक बैंक खाते में जमा करवाते है जिसका खाता क्रमांक-917020064500505, आईएएफसी कोड UTIB0000206 है को भी तत्काल सीज कर वसूली की जाकर धोखाधड़ी का प्रकरण पंजीबद्ध करें।
यह कि उक्त भूमि पर आज भी फसल खड़ी है और उक्त भूमि का कोई भी विक्रय पत्र संपादित नहीं किया गया है जो कि पूर्ण रूप से धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
यह कि अब तक 170 से भी ज्यादा लोगो से लुभावनी कॉलोनी में भूखंड देने के नाम पर अग्रिम राशि के रूप में प्रत्येक व्यक्ति से 5 लाख रुपयों की वसूली बुकिंग के नाम पर की जा चुकी है जिस पर त्वरित रोक लगा कर प्रकरण पंजीबद्ध करना न्याय हित में होगा और भविष्य में आमजन के साथ हो चुकी ठगी की वसूली भी की जा सकेगी।
यह कि इस मामले में कथित दलालों की अहम भूमिका है जिन्होंने टाउनशिप का सपना दिखा कर कागजों पर प्लॉट बेचे हैं और इसी के साथ एक सर्जन एड एजेंसी भी इस आपराधिक कृत्य में शामिल है। अतः श्रीमान से निवेदन है कि शिकायत में उल्लेखित विषय व बिंदुओं एवं संलग्न दस्तावेजों पर तत्काल संज्ञान लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 154 के तहत धोखाधड़ी, भूसंरक्षण अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध कराने की कृपा करें।
अब जबकि शिकायतों का दौर शुरू हो गया है ऐसे में प्रशासन कब और क्या मूड बनाता है ये तो समय के गर्भ में है…लेकिन कहीं कार्यवाही ढिलढाल जान बूझ कर तो नहीं की जा रही…जिससे समय के साथ मामला ठंडा पड़ जाए और झाँसेबाज अपनी खुराफ़ात में सफल हो जाएं…और ठगे ठगाए लोग परेशानी का दंश झेलने को मजबूर ना हो जाएं….
चलिए अब चलता हूँ फिर मिलने के वादे के साथ तब तक आप सुधि जल्वेदार अपना जलवा क़ायम रखें दुनिया जले तो जलने दें…..
आप जल्वेदारों में से एक जल्वेदार…..
जय कौशल
उज्जैन (म.प्र.)
09827560667
07000249542
