
उज्जैन, पुरानी सब्जी मंडी फ्रीगंज में स्थित सिटी सेंटर बिल्डिंग ,जिसको रविंद्र शर्मा पिता जगदंबा प्रसाद शर्मा ने आभा अग्रवाल पति अशोक अग्रवाल को बेंच दिया था, उक्त प्रॉपर्टी को अग्रवाल ने पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय को बेचने की कोशिश की इसी बीच जगदंबा प्रसाद शर्मा की पुत्री मीनाक्षी पुरोहित द्वारा आभा अग्रवाल सहित बिल्डिंग के अन्य आभाष शर्मा,आशय शर्मा, श्रीमती कीर्ति शर्मा भरत पाटीदार एवं चिंतामणि मालवीय के खिलाफ वाद दायर किया गया ।
सप्तम न्यायाधीश शशिकांत वर्मा द्वारा उक्त बिल्डिंग पर स्टे आर्डर जारी करते हुए कहा कि वाद संपत्ति को यथास्थिति में रखा जाए ।
प्रतिवादी आभाष शर्मा आरोप लगाया कि उक्त बिल्डिंग पर मीनाक्षी देवी पुरोहित द्वारा वाद दायर किया गया है जिसमें प्रतिवादी के रूप में चिंतामणि मालवीय भी शामिल है न्यायालय ने उक्त वाद संपत्ति को यथावत स्थिति में रखने के आदेश दिए हैं बावजूद इसके प्रतिवादी चिंतामणि मालवीय ने बिल्डिंग के एक हिस्से मैं बनी दुकान का किराया एग्रीमेंट दिलीप गुप्ता को कर दिया इस प्रकार कोर्ट के स्टैंडर्ड के बावजूद प्रतिवादी चिंतामणि मालवीय द्वारा उक्त प्रॉपर्टी का किराया एग्रीमेंट अन्य व्यक्ति को कर दिया गया जोकि न्यायालय के आदेश की अवमानना की श्रेणी में आता है ।
इस मामले में दिलीप गुप्ता जिसने चिंतामणि मालवीय से दुकान का एग्रीमेंट किया है उसने दुकान पर कब्जा लेने की कोशिश करते हुए शटर हटा दिया गया जिस पर प्रतिवादी आभाष शर्मा द्वारा माधव नगर थाने पहुंचकर आवेदन दिया जिसमें कहा गया उक्त भवन पर न्यायालय में वाद चल रहा है और न्यायालय ने इस भवन पर यथास्थिति का स्टे आर्डर दिया गया ऐसे में चिंतामणि मालवीय द्वारा कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए दुकान का एग्रीमेंट अन्य व्यक्ति को करते हुए उससे कब्जा देने में मदद करने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय की ओर से पक्ष रखते हुए छोटू बना ने बताया कि उक्त भवन रविंद्र शर्मा द्वारा आभा अग्रवाल को बेचा गया और रविंद्र शर्मा की बहन मीनाक्षी शर्मा ने आभा अग्रवाल एवं अन्य लोगों पर वाद दायर किया है इसमें चिंतामन मालवीय बेवजह प्रतिवादी बनाया जा रहा है जबकि चिंतामन मालवीय मीनाक्षी देवी पुरोहित द्वारा वाद दायर करने से पूर्व ही दुकान का एग्रीमेंट दिलीप गुप्ता को कर दिया था ऐसे में कोर्ट के आदेश की अवमानना का कोई प्रश्न ही नहीं है।
मामले में माधव नगर थाना प्रभारी मनीष लोधा ने बताया कि दोनों प्रति वादियों द्वारा सिटी सेंटर में स्थित दुकान के संबंध में विवाद सामने आया है दोनों पक्षों के आवेदन ले लिए गए हैं एक पक्ष का कहना है कि उक्त प्रॉपर्टी में प्रतिवादी चिंतामणि मालवीय द्वारा कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए उक्त भवन की दुकान का एग्रीमेंट अन्य व्यक्ति को कर दिया गया वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि प्रतिवादी चिंतामणि मालवीय द्वारा वादी मीनाक्षी पुरोहित द्वारा वाद दायर करने की पूर्व ही दुकान का एग्रीमेंट कर दिया गया था ऐसे में कोर्ट के आदेश की अवमानना का कोई प्रश्न नहीं है थाना प्रभारी ने बताया कि अभी इस मामले में वादी पक्ष द्वारा चिंतामणि मालवीय के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना का कोई आवेदन नहीं आया है अगर वादी पक्ष द्वारा आवेदन दिया जाता है तब कोड ऑफ कंडक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
उक्त मामले में वादी पक्ष मीनाक्षी देवी पुरोहित द्वारा माधव नगर थाने में आवेदन प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया है कि उक्त भवन पर मेरे द्वारा वाद दायर किया गया है जिस पर कोर्ट ने यथास्थिति का स्टे आर्डर जारी किया है बावजूद इसके प्रतिवादी चिंतामणि मालवीय द्वारा कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए उक्त भवन की दुकान एग्रीमेंट अन्य व्यक्ति को किया गया है एवं उक्त भवन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
