निगम अधिकारियों ने डिफाल्टर कंपनी को सिटी बस का टेंडर देकर नगर निगम को राजस्व हानि पहुंचाई
0 minutes, 0 seconds Read
Spread the love
चौथी बीट में टेंडर नियमों में फेरबदल करके निगम अधिकारियों ने डिफाल्टर कंपनी को दिया सिटी बस का टेंडरडिफाल्टर कंपनी अर्थ कनेक्टिविटी से करोड़ों रुपए की लेनदारी वसूल नहीं करने वाले नगर निगम के मुख्य अधिकारी पर कार्यवाही कब होगी?विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को भी नगर निगम ने डिफाल्टर घोषित किया हुआ हैउज्जैन, नगर निगम के शातिर एवं भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने सिटी बस संचालन कंपनी अर्थ कनेक्टिविटी से करोड़ों रुपए की लेनदारी आखिर क्यों बख्श दी, दरअसल अर्थ कनेक्टिविटी को शहर में 89 सिटी बसें चलाने का टेंडर मिला हुआ था लेकिन संचालन कंपनी द्वारा नगर निगम को बस संचालन करने का अनुबंध के हिसाब से पेमेंट नहीं किया गया नतीजतन नगर निगम ने उक्त कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया लेकिन ब्लैक लिस्टेड करने के बाद नगर निगम के डिपो इंचार्ज जिम्मेदार अधिकारियों ने अर्थ कनेक्टिविटी से 89 बसों की सुपुर्दगी एवं बकाया करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि आज तक वसूल नहीं की, आलम यह है कि कई सिटी बसें आज भी शहर के अन्य स्थानों में दूसरों के कब्जे में पड़ी हुई है ज्ञात रहे कि आगर रोड स्थित सांगी ब्रदर्स में 4 सिटी बसें शोरूम संचालक की कस्टडी में रखी हुई है जिसे नगर निगम के अधिकारी आज तक छुड़ा नहीं पाए हैं, ऐसे में नगर निगम को सिटी बसों के इंचार्ज अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई गई ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि नगर निगम के आला अधिकारी द्वारा तत्कालीन सिटी बसों में की गई धांधली की जांचहो ताकि नगर निगम को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाने वाले भ्रष्टाचारी अधिकारियों द्वारा की गई कारगुजारी का पर्दाफाश हो सके इस संबंध में पूर्व निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता द्वारा नगर निगम के उक्त तीन अधिकारियों पर करोड़ों रुपए की राजस्व हानि नगर निगम को पहुंचाने के चलते नोटिस भी जारी किए थे।बावजूद इसके नगर निगम के शातिर एवं भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने सिटी बस का संचालन नियमों में फेरबदल करते हुए एक अनुभवहीन कंपनी विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को अधिकारियों ने अपने हितग्राहियों को सिटी बस का टेंडर दिलाने के लिए नियमों तक में भी फेरबदल कर डाला और टेंडर की चौथी बिट में नियमों में फेरबदल करते हुए यह अतिरिक्त कालम बढ़ाया गया , इस मामले में वर्तमान में विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को 25 सिटी बसों का टेंडर मिला है इसमें बड़े ताज्जुब की बात यह है कि विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी के पास में सरकारी विभाग में बसें चलाने का अनुभव है ही नहीं, जानकारी यह भी है कि इस कंपनी ने सिटी बस का टेंडर हासिल करने के लिए उज्जैन में पूर्व में सिटी बस चलाने वाली कंपनी अर्थ कनेक्टिविटी से हाथ मिला लिया जबकि अर्थ कनेक्टिविटी को उज्जैन नगर निगम ने पहले ही डिफाल्टर घोषित कर रखा है इसी के चलते अर्थ कनेक्टिविटी टेंडर में भाग नहीं ले पाई।विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी भी उज्जैन नगर निगम द्वारा डिफाल्टर घोषित की जा चुकी है जिसमें विनायक टूर एंड ट्रेवल्स द्वारा फोर व्हीलर नगर निगम में अटैच कर टेंडर राशि से कई गुना ज्यादा के बिल बनवा कर नगर निगम से भुगतान करवाने के चलते नगर निगम उज्जैन ने इस कंपनी को डिफाल्टर घोषित किया है जिसकी जांच का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका और मामले में तत्कालीन निगमायुक्त अंशुल गुप्ता के संज्ञान में आया और निगमायुक्त द्वारा इस मामले की (विनायक टूर एंड ट्रेवल्स के द्वारा की गई धोखाधड़ी) जांच करने की बात की गई थी।ऐसे में सवाल यह उठता है कि नगर निगम के अधिकारियों ने अपने निजी हितों को साधने के लिए डिफाल्टर कंपनी को सिटी बसों का टेंडर देते हुए शासन के राजस्व की हानि की है और सिटी बसों को प्रतिदिन के हिसाब से 83 रुपए प्रतिदिन के रेट पर दे दिया इस रेट पर एक ऑटो रिक्शा का भी दिया जाना संभव नहीं है जबकि सिटी बसों के लिए दूसरी और तीसरी टेंडर बीट में आध्या ट्रैवल्स द्वारा 389 प्रतिदिन प्रति बस का रेट कोड किया गया था लेकिन चौथी बिट मैं निगम अधिकारियों ने नियमों में फेरबदल करके महज 83 रुपए प्रति दिन में सिटी बसों को विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को दे दिया जिससे नगर निगम उज्जैन को लाखों रुपए प्रतिमाह के हिसाब से राजस्व की हानि हुई।बहर हाल इस मामले में पूर्व निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने जांच शुरू कर दी थी और विनायक टूर एंड ट्रेवल्स द्वारा नगर निगम उज्जैन को फोर व्हीलर के लिए मिले टेंडर के मामले में डिफाल्टर पाया गया है मामले की पूरी जांच होने से पूर्व ही इसे रोक दिया गया ऐसे में उसी डिफाल्टर कंपनी को सिटी बस का नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते टेंडर दिया जाना जांच का विषय है और जांच का विषय यह भी है कि एक डिफाल्टर कंपनी ने सिटी बस के टेंडर प्रक्रिया में भाग लेकर उसे अर्जित कैसे कर लिया इस मामले में नगर निगम के कई अधिकारियों की संलिप्तता पाए जाने की आशंका है, ऐसे में जरूरत इस बात की है कि वर्तमान में सिटी बस संचालन कंपनी विनायक टूर एंड ट्रेवल्स जोकि नगर निगम में फोर व्हीलर के मामले में डिफाल्टर घोषित की की जा चुकी है एवं नगर निगम के भ्रष्टाचारी अधिकारियों की मिलीभगत से सिटी बसों का टेंडर हासिल करने में कामयाब हो चुकी है ऐसे में विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी का टेंडर तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए।