केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है, इसकी घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने की, इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदल दिया गया है,मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नया नाम शिक्षा मंत्रालय होगा।
इससे पहले 1 मई को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NEP, 2020 की समीक्षा की थी,कोरोना वायरस महामारी के कारण नया शैक्षिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होगा। ऐसे में सरकार का लक्ष्य है कि नए सत्र के शुरू होने से पहले नई शिक्षा नीति को पेश कर दिया जाए। मसौदा नीति ने यह भी सुझाव दिया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय के रूप में फिर से रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाले विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा इस मसौदे को तैयार किया गया था,नई शिक्षा नीति के मसौदे को लेकर कुछ गैर-हिंदी भाषी राज्यों की तरफ से हिंदी को थोपे जाने को लेकर चिंता जताई गई थी, इस बात को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने उन्हें आश्वासन दिया।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों को हल कर लिया गया है। उनका कहना था कि नई शिक्षा नीति के बाद युवाओं के लिए उच्चतर शिक्षा हासिल करना पहले की तुलना में आसान हो जाएगा।
नई शिक्षा नीति आने में सालों साल लग गए। रफेल सालों इंतज़ार के बाद आया है। तीन तलाक, 370, 35A खत्म होने में बरसों गुज़र गए। राम मंदिर बनने की शुरुआत होने में अंतहीन समय लग गया। ऐसे कितने ही काम है जो सालों से लटके थे पर अब हो रहे। फिर भी ‘वो’ पूछते हैं कि 6 साल में हुआ क्या है-सुशांत सिन्हा एग्जीक्यूटिव एडिटर इंडिया टीवी.(ट्वीट)
नई शिक्षा नीति प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देकर नए भारत के निर्माण का स्वप्न पूर्ण करेगी-रमेश मेंदोला ,विधायक इंदौर.(ट्वीट)
आज #NewEducationPolicy को #Cabinet की मंज़ूरी मिलने पर प्रधानमंत्री @narendramodi जी को धन्यवाद।
बेहतर और सही शिक्षा ही राष्ट्रनिर्माण की नींव है। भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने में शिक्षा की अहम भूमिका है। निश्चित ही नई शिक्षा नीति नये भारत के निर्माण में सहायक होगी-रामविलास पासवान,उपभोक्ता मामलात मंत्री, भारत सरकार(ट्वीट).
