डॉ पवनेन्द्र नाथ तिवारी)
एक वीडियो का वायरल होना और सरकार का वरिष्ठ आय पी एस वी.मधुकुमार को बिना जाँच स्थानांतरण कर परिवहन आयुक्त के पद से हटाना शासन और शाशक की ईमानदार कार्यप्रणाली पर एक बड़ा गम्भीर प्रश्न चिन्ह तो है।
…तो अब ईमानदार कौन है..?.. अब यह भी बड़ा यक्ष प्रश्न समाज के समक्ष है..? कार्यपालिका विधायिका न्यायपालिका और प्रेस राजनीति और सर्व समाजो के कई कर्ता-धर्ता यत्र-तत्र-सर्वत्र बे-ईमानी और चरित्रहीनता के प्रमाण मिल तो रहे है,पर फिर भी सब चरित्रहीन और बे -ईमान नही ईमानदार है क्योंकि एक बड़ा चरित्रहीन और बे-ईमान जाँच आयोग का अध्यक्ष या सदस्य बनकर अपने चरित्र और ईमानदारी को गिरवी रखकर चरित्रहीनता और बे-ईमानी के आरोपित को चरित्रवान और ईमानदारी का प्रमाण-पत्र जाँच प्रतिवेदन देगा और फिर सारे चरित्रहीन और बे-ईमान चरित्रवान और ईमानदार जिसने इस बे-ईमानी और दुश्चरित्रता को उजागर किया वो ही सबसे बड़ा चरित्रहीन बे-ईमान और ब्लेकमेलर कह लायेगा।
हर स्तर पर समाज में ईमानदारी और चरित्र की इस गिरावट का खामियाजा आने वाले दिनों में तो सभी को भुगतना ही है और समय रहते नहीं सुधरे तो स्वयं के पतन के साथ -२ राष्ट्र भी भुगतान करेगा कथित ईमानदारों की इस बे-ईमानी का…पर हिंदुस्तान तो बरसों से ऐसी ईमानदार बे-ईमानी घटित होते हुए देख रहा है और न जाने कब तक आय ए एस आई पी एस ज्यूडिशयरी और राजनीति की ऐसी बे-ईमान ईमानदारी जिसमे चुने हुए बिकाऊ जनप्रतिनिधियों की मंडी सजी हो खामोशी के साथ और अभी कितना देखना शेष है।
