मध्यप्रदेश सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें…

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 देश भर में कोरोना वायरस के चलते 70  दिनों से अधिक समय से लॉकडाउन जारी है, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, पर्यटन स्थल से लेकर बच्चों के स्कूल-कॉलेज तक पर ताला लगा था, ऐसे में बोर्ड के एग्जाम्स दे रहे बच्चों के पेपर भी टल गए,केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 5 के तहत नियमों में कुछ छूट दी है, एमपी बोर्ड की परीक्षा भी वापस शुरू होने जा रही है,12वीं की परीक्षा को लेकर बोर्ड ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिनका छात्रों को पालन करना अनिवार्य होगा. इन नियमों का पालन ना करने पर छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी,
हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण मध्यप्रदेश में कई जगह छात्र एवं शिक्षक इस परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग 9 जून से शुरू होने वाली एमपी बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की परीक्षा केंद्र में थर्मल स्क्रीनिंग होगी. इसके लिए छात्रों को परीक्षा से 1 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पहुंचना होगा, स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी भी छात्र का तापमान अधिक होगा, तो उन्हें केंद्र में बनाए गए आईसोलेशन रूम बैठाया जाएगा ।
 बाहर हाल 12वीं की परीक्षा  की तारीख में परिवर्तन हो सकता है,यह संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परीक्षा की तारीख बदलने की मांग की है और भारतीय जनता पार्टी के शासन में अक्सर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े फैसले ABVP की सहमति से ही लिए जाते हैं। 
मध्य प्रदेश के भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ज्ञापन देकर 9 जून से होने वाली 12वीं बोर्ड की शेष परीक्षाओं को आगे बढ़ाने की मांग की गई है, ज्ञापन में लिखा है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए छात्र और अभिभावक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए आगामी तिथि में परीक्षा का आयोजन किया जाए। 
मध्य प्रदेश मैं कोरमा संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों एवं छात्र संगठनों ने मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान से परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है एवं 9 जून से शुरू होने वाले परीक्षा पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

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