उज्जैन।
(डॉ पवनेन्द्र नाथ तिवारी) पत्रकार /मीडिया कर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों की अभद्रता घटित होने पर वैचारिक मतभेदों को भुलाकर पत्रकारों को एक-साथ अभद्रता करने वालो का विरोध कर वरिष्ठ अधिकारियों को इससे तुरंत बार-२ अवगत कराना चाहिये और अभद्रता करने वाले ऐसे लोगों का बहिष्कार… अभी तो आगे और कठिन दौर संभावित है! समय रहते अभद्रता करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही और उनका विरोध वक्त की इस मांग को नजर-अंदाज करना सम्पूर्ण प्रेस / मिडिया के लिये घा…त…क होगा हालाँकि कुछेक पत्रकार साथियो को उज्जैन पुलिस अधिक्षक महोदय ने आश्वासन दिया है कि अब मीडिया संस्थान के परिचय पत्र को देखकर मीडिया के साथ अभद्रता नही होगी … पर अब अभद्रता करने वालो का विरोध आवश्यक है हालिया वक्त में विधायिका-नेताओ,
कार्यपालिका- प्रशासन पुलिस और न्यायिक तन्त्र को वास्तविक पहचान देने वाली निष्पक्ष प्रेस अर्थात मीडिया पत्रकार ही है ये नहीं होते तो… क्या जो विश्व के समक्ष कोविड-19 कोरोना संक्रमण के दौर में छवि भारत सरकार/राज्य सरकार के अधिकारियों कर्मचारियों डॉक्टरों पुलिसकर्मियों समाजसेवियों की पत्रकारो/प्रेस ने जो बनायी है क्या वह बन पाती..? पत्रकार यथार्थ में संक्रमण काल ही नहीं हर दौर का एक मात्र वास्तविक योद्धा है तो वो है *पत्रकार* जो बिना शासकीय मदद के समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी और दायित्वों का निर्वहन बिना किसी स्वार्थ के कर रहा है बाकी सब को तो वेतन भत्ते पुरुस्कार और न रहने पर परिवार में से किसी को अनुकंपा नियुक्ति भी मिल ही जयेगी …परन्तु पत्रकार को जो बिना स्वार्थ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहनकर्ता है को क्या मिला है उसका अपमान मत करो !… पत्रकारों से अभद्रता नही वे जहाँ भी दिखे उनका सम्मान करें क्योंकि मात्र पत्रकार ही तो एक ऐसा स्वाभिमानी है जो सदैव स्वयं की चिन्ता किये बिना दूसरों की अर्थात सबकी चिन्ता निःस्वार्थ करता है ।
