इस मजबूत हाथ को टूटने से बचायें ,श्रीमान…

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 जी हाँ, मैं  भारत का नागरिक हूँ, मैं अपनी जिम्मदारियों को भली भांति जानता हूं,70 साल से अधिक समय से मैं अपनी जिम्मेदारी एवं कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभा रहा हूँ,मेने  भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में दिन रात अपना पसीना बहाया है, मैं हर दिन यह चाहता हूं कि भारत में हर गरीब परिवार की आर्थिक सहायता की जाए और इसमें भारत के राजकोष में धन की कभी कोई कमी ना हो,मैं खुद को इस कर्तव्य का निर्वहन करते हुऐ गौरवान्वित अनुभव करता हूँ, मुझे हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है, जी हाँ मैं  गर्व से कहता हूँ मैं एक मध्यमवर्गीय हूँ।
 मेरी प्रतिज्ञा पितामह भीष्म जैसी है जो अपनी अंतिम सांस तक भारत की अर्थव्यवस्था को  चहूं ओर से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए मैं  सदा संघर्षरत  रहूँगा,लेकिन  आज उस शिखंडी रूपी कोरोना ने मुझे घायल कर दिया है, ओर मैं अपने आपको निहत्था सा महसूस कर रहा हूँ।
भारत ही नहीं पूरे विश्व में जो अभी घट रहा है जो शायद पहले कभी नहीं घटा होगा, कोरोना की महामारी ने पूरी दुनिया में विध्वंस मचा दिया है, अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है, लोगों को बेरोजगार कर दिया है, पिछले लगभग दो माह से देश कोरोना से जंग कर रहा है, पूरे देश की जनता को इसने प्रभावित किया है ,हर वर्ग को इसका खमियाजा भुगतान पड़ रहा है, ओर आगे कब तक?, इसको लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए भारत का मध्यमवर्ग भारत के प्रधानमंत्री से यह निवेदन करता है कि भारत के मध्यमवर्ग  ने पिछले 70 सालों से देश से कुछ नहीं मांगा और आगे भी कुछ मांगने का इरादा नहीं रखता, वह चाहता है कि आगे भी गरीब भाइयों की मदद होती रहे एवं भारत की अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान ना पहुंचे या यूं कहें कि भारत की रीढ़ की हड्डी कहे  जाने वाला मध्यमवर्ग अपने कर्तव्य को निभाने के लिए  तटस्थ  खड़ा रहे ,कभी बेरोजगार ना हो ,मध्यमवर्ग हमेशा कर्मशील रहा है और आगे भी इस संकट की घड़ी में कर्मशील रहते हुए भारत के कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहता है इसलिए वह भारत के प्रधानमंत्री से सिर्फ और सिर्फ रोजगार की अपेक्षा रखता है ताकि वह न सिर्फ अपने परिवार का पालन पोषण कर सके बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में भी अपना अमूल्य योगदान दे सकें।
भारत की सुदृढ़ एवं सशक्त अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित करने का संकल्प भारत के मध्यम वर्ग ने लिया है और मुझे पूरा विश्वास है कि भारत मजबूत अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित करने में सफल होगा लेकिन इसके लिए मध्यमवर्ग भारत सरकार से कुछ अपेक्षाएं रखता है, भारत का मध्यमवर्ग इस संकट की घड़ी में सरकार से अपेक्षा इसलिए भी  रखता है क्योंकि इस महामारी ने हर वर्ग की अर्थव्यवस्था पर गहरा  आघात  किया है इसलिए  मध्यमवर्ग की सरकार से अपेक्षा है कि अगले 1 वर्ष तक भारत सरकार मध्यमवर्ग से किसी प्रकार का टैक्स न वसूले चाहे वह हाउस टैक्स हो, रोड टैक्स हो, टोल टैक्स हो ,सर्विस एवं सेल्स टैक्स हो या इनकम टैक्स हो ,वह यह अपेक्षा रखता है कि किसी मध्यमवर्ग ने अपने घर को बनाने के लिए अगर कोई ऋण लिया है तो अगले 1 वर्ष तक उसमें छूट दी जाए ,कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तुओं के मूल्य पर सरकार का नियंत्रण हो ताकि वाजिब दाम में हर वस्तु जनता को मिल सके, मध्यम वर्गीय यह भी अपेक्षा रखता है कि उनके बच्चों की शिक्षा शुल्क में प्राइवेट स्कूलों एवम उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा छूट दी जाए, मध्यमवर्ग के लिए अगले 1 साल तक बिजली एवं पानी के शुल्क में भी छूट दी जाए, प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना में मध्यमवर्ग को भी शामिल किया जाए ताकि मध्यमवर्ग भी आवश्यकता पड़ने पर अपने परिवार का बड़ी बीमारी में निशुल्क इलाज करा सकें।
भारत की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आए इसके लिए हर वर्ग का योगदान एवं सहयोग जरूरी है, सहयोग उन उद्योगपतियों को भी करना आवश्यक है जिनके उद्योगों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था ना सिर्फ मजबूत होती है बल्कि लाखों गरीब ,मध्यमवर्ग परिवार रोजगार पाते है, सहयोग उनका भी जरूरी है जो अपने छोटे-छोटे कुटीर उद्योग ,व्यापार कर देश को स्वावलंबी बनाने में सहायक होते हैं ,किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम मिल सके ऐसी व्यवस्था की जाए ,मुनाफा खोरों पर सख्त कार्रवाई हो , कर्जमाफी जैसी योजनाओं पर भी पूर्णता प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है क्योंकि इस तरह की योजनाएं राजनीति से प्रेरित होती है क्योंकि “कर्ज माफी से कभी भी किसी किसान को उन्नत नहीं बनाया जा सकता एवं किसी गरीब के खाते में पैसा डालने से वह कभी भी संपन्न नहीं बन पाता है”।
गरीब एवं मजदूर वर्ग को अधिक से अधिक रोजगार देने वाले स्त्रोत बढ़ाएं जाएं क्योंकि बिना रोजगार के कोई भी गरीब कभी भी संपन्न नहीं बन सकता एवं भारत  को गरीब मुक्त बनाने का सपना भी साकार गरीबों को रोजगार देकर ही किया जा सकता।
राजा के लिए प्रजा का हर एक वर्ग महत्वपूर्ण होता है एवं आवश्यकतानुसार एवं परिस्थिति अनुसार उन्हें हर वर्ग की सहायता करने की आवश्यकता होती है इसलिए नेशनल लाइव के माध्यम से भारत का मध्यमवर्ग भारत के प्रधानमंत्री से अपेक्षा करता है कि संकट की इस घड़ी में एवं देश की अर्थव्यवस्था को भविष्य में सुदृढ़ बनाने के लिए उपरोक्त बिंदुओं पर हर मध्यमवर्गीय की सहायता की जाए।
 नोट-” नेशनल लाइव की आवाज  भारत के प्रधानमंत्री तक पहुंचे इसके लिए अधिक से अधिक शेयर करें ,अगर हमारे इस प्रयास से भारत के मध्यम वर्ग को उसका हक़ मिलता है तो नेशनल लाइव आपका आभारी होगा”।

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