कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन पूरे देश में लागू है ,देश में कई राज्य इसकी चपेट में है, मध्यप्रदेश के भी कई जिलों में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, इंदौर, उज्जैन और भोपाल मध्य प्रदेश के जिले हॉटस्पॉट की गिनती में आ रहे हैं, ऐसे में इन जिलों में शासन, प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा, सतर्कता के चलते एहतियातन कई कदम उठाए हैं।
शहरी क्षेत्र में अभी कोरोना संक्रमण ज्यादा सक्रिय है, कोरोना संक्रमण ,डब्ल्यूएचओ के मुताबिक छूने से फैलता है, ग्रामीण क्षेत्रों के बारे में बहादुर सिंह बोर मुंडला, भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण ने कहा कि ईश्वर की कृपा से ग्रामीण अंचल अभी कोरोना संक्रमण से लगभग दूर है एवं शहरी क्षेत्र में भी इसके संक्रमण को रोकने के लिए सरकार प्रशासन एहतियातन कई कदम उठा रही है, लॉक डाउन के चलते शहरी क्षेत्र में जिला चिकित्सालय एवं प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दी गई है शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग का अमला मुस्तैदी से काम कर रहा है एवं शहरी क्षेत्र के लोगों के प्राथमिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान भी हो रहा है, वहीं ग्रामीण अंचल में लॉक डाउन के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक उपचार करने वाले डॉक्टरों के भी उपचार ना करने के कारण, किसान प्राथमिक चिकित्सा से वंचित हो रहा है, ऐसा इसलिए भी है कि तहसील स्तर के उन्हेल एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है जिसकी शिकायत भी उज्जैन जिलाधीश को मिल रही है, ग्रामीण अंचल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ की कमी भी है वहीं कई जिलों में पैरामेडिकल स्टाफ भी काम नहीं कर रहा है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि ग्रामीण अंचल में ग्रामीणों को प्राथमिक चिकित्सक(एम पी डब्यू ,जन स्वास्थ्य रक्षक) आदि द्वारा प्राथमिक चिकित्सा ना मिलने एवं समस्या बढ़ने के चलते ग्रामीणों के शहर में आने की संभावना बढ़ जाती है एवं साथ ही शहर में आने पर ग्रामीणों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका भी बढ़ जाती है एवं इस तरह यह संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में सरकार एवं प्रशासन को ग्रामीण जनों को ग्राम में ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना आवश्यक है ,क्योंकि अभी दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से किसान प्राथमिक उपचार के लिए तहसील स्तर पर भी लॉक डाउन के चलते साधन उपलब्ध ना होने की वजह से जाने में असमर्थ है, ऐसे में ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार से वे वंचित हो रहे हैं, शासन प्रशासन को ग्रामीणों के प्राथमिक उपचार ग्रामीण क्षेत्रों में ही हो सके इसके लिए ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक चिकित्सकों को प्राथमिक उपचार करने की अनुमति दी जाना चाहिए, वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों का कहना है कि हम ग्रामीणजनों के प्राथमिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ,स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार करके इस महामारी से ग्रामीणों को बचाने के लिए ग्रामीणों का ग्राम में ही प्राथमिक उपचार कर उन्हें शहरों में जाने से रोक कर उनकी मदद कर पाएंगे ,वहीं शासन-प्रशासन की भी ग्रामीण अंचल के लोगों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम में मदद कर पाएंगे।
