नई दिल्ली. प्रधानमंत्री के सरकारी घर का पता बदल गया है। नया पता अब 7 लोक कल्याण मार्ग होगा। एनडीएमसी की बुधवार को हुई मीटिंग में इस पर सहमति बनी। हालांकि इससे पहले, नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने एनडीएमसी को लेटर लिखकर नया पता 7 एकात्म मार्ग करने का प्रपोजल दिया था। बता दें कि 1984 में यहां राजीव गांधी सबसे पहले रहने आए थे। लेकिन 1989 में इसे पीएम का ऑफिशियल रेसिडेंस बनाने का फैसला हुआ। इस लिहाज से यह 27 साल से प्रधानमंत्री आवास है। आप-बीजेपी की अलग-अलग राय…
– दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- ‘एनडीएमसी (नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल) की मीटिंग में कई सुझाव आए, लेकिन नया पता 7 लोक कल्याण मार्ग करने पर रजामंदी बनी है।’ बता दें कि केजरीवाल भी काउंसिल के मेंबर हैं।
– मीटिंग में एनडीएमसी की मेंबर मीनाक्षी लेखी और केजरीवाल दोनों ही मौजूद थे। इस दौरान सभी की रजामंदी से एक प्रपोजल पास किया गया।
– लेखी ने बाद में कहा- ‘मैं खुश हूं कि रोड का नाम पूरी रजामंदी के साथ बदला गया।’
– इससे पहले, मीनाक्षी लेखी के प्रपोजल का आप ने यह कहते हुए विरोध किया था कि नाम बदलने में आरएसएस की विचारधारा नहीं दिखनी चाहिए।
आप का क्या कहना था?
– दिल्ली कैंट से आप के विधायक और एनडीएमसी के मेंबर सुरिंदर सिंह ने कहा, ‘मेरे विधानसभा क्षेत्र के कई रिटायर्ड सैनिकों ने मुझसे कॉन्टेक्ट किया। वे चाहते हैं कि सड़क का नाम किसी सैनिक के नाम पर रखा जाए।’
– ‘रेस कोर्स रोड का नाम किसी सैनिक के नाम पर होना चाहिए। मैं प्रस्ताव देता हूं कि इसे 1965 के युद्ध के हीरो रहे फ्लाईट लेफ्टिनेंट निर्मलजीत सिंह सेखों के नाम पर रखा जाए जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दे दी।’
– ‘रोड का नाम बदलने में आरएसएस की विचारधारा नहीं दिखनी चाहिए। रेसकोर्स रोड पर वायुसेना के 2 स्टेशन भी हैं।’
– दिल्ली कैंट से आप के विधायक और एनडीएमसी के मेंबर सुरिंदर सिंह ने कहा, ‘मेरे विधानसभा क्षेत्र के कई रिटायर्ड सैनिकों ने मुझसे कॉन्टेक्ट किया। वे चाहते हैं कि सड़क का नाम किसी सैनिक के नाम पर रखा जाए।’
– ‘रेस कोर्स रोड का नाम किसी सैनिक के नाम पर होना चाहिए। मैं प्रस्ताव देता हूं कि इसे 1965 के युद्ध के हीरो रहे फ्लाईट लेफ्टिनेंट निर्मलजीत सिंह सेखों के नाम पर रखा जाए जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दे दी।’
– ‘रोड का नाम बदलने में आरएसएस की विचारधारा नहीं दिखनी चाहिए। रेसकोर्स रोड पर वायुसेना के 2 स्टेशन भी हैं।’
नाम बदलने के पीछे लेखी ने बताई थी ये वजह
– एनडीएमसी अध्यक्ष को लिखे अपने लेटर में लेखी ने कहा था- ‘देश इस साल दीन दयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मना रहा है। एकात्म वर्ड रोड के नाम के रूप में लोगों को याद रहे, इसके लिए मैं आपसे एक रिक्वेस्ट कर रही हूं।’
– ‘पीएम आवास जिस रेस कोर्स रोड पर स्थित है, लेकिन इस रोड का यह नाम इंडियन कल्चर से मेल नहीं खाता है।’
– ‘मेरा सुझाव है कि इसका नाम एकात्म मार्ग कर दिया जाए। ऐसा होने से हर पीएम सोसाइटी के आखिरी शख्स के बारे में सोचेगा।’
– ‘यह वर्ड एकात्म मानव से लिया गया है जो दीन दयाल उपाध्याय की फिलॉसफी ‘इंटीग्रल ह्यूमैनिज्म’ का सार है।’
– बता दें कि दीन दयाल उपाध्याय को बीजेपी का विचारक माना जाता है।
– मीनाक्षी लेखी ने लेटर में यह भी सुझाव दिया था कि नए नाम का एलान 25 सितंबर को किया जा सकता है।
– बता दें कि उस दिन पीएम नरेंद्र मोदी दीन दयाल की 100th जयंती पर समारोहों की शुरुआत करेंगे।
– एनडीएमसी अध्यक्ष को लिखे अपने लेटर में लेखी ने कहा था- ‘देश इस साल दीन दयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मना रहा है। एकात्म वर्ड रोड के नाम के रूप में लोगों को याद रहे, इसके लिए मैं आपसे एक रिक्वेस्ट कर रही हूं।’
– ‘पीएम आवास जिस रेस कोर्स रोड पर स्थित है, लेकिन इस रोड का यह नाम इंडियन कल्चर से मेल नहीं खाता है।’
– ‘मेरा सुझाव है कि इसका नाम एकात्म मार्ग कर दिया जाए। ऐसा होने से हर पीएम सोसाइटी के आखिरी शख्स के बारे में सोचेगा।’
– ‘यह वर्ड एकात्म मानव से लिया गया है जो दीन दयाल उपाध्याय की फिलॉसफी ‘इंटीग्रल ह्यूमैनिज्म’ का सार है।’
– बता दें कि दीन दयाल उपाध्याय को बीजेपी का विचारक माना जाता है।
– मीनाक्षी लेखी ने लेटर में यह भी सुझाव दिया था कि नए नाम का एलान 25 सितंबर को किया जा सकता है।
– बता दें कि उस दिन पीएम नरेंद्र मोदी दीन दयाल की 100th जयंती पर समारोहों की शुरुआत करेंगे।
सबसे पहले राजीव रहे थे 7 आरसीआर में
– 7 आरसीआर में सबसे पहले 1984 में राजीव गांधी रहे।
– 1989 में पीएम बने वीपी सिंह ने 7 आरसीआर को पीएम का परमानेंट रेसिडेंस बनाया। 30 मई 1990 में इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
– बाद के वर्षों में आईके गुजराल जैसे कुछ प्रधानमंत्रियों ने 7 आरसीआर का अपने आवास के साथ ही पीएम ऑफिस के तौर पर भी इस्तेमाल किया।
– बता दें कि इससे पहले औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. अब्दुल कलाम रोड रखा जा चुका है।
– 7 आरसीआर में सबसे पहले 1984 में राजीव गांधी रहे।
– 1989 में पीएम बने वीपी सिंह ने 7 आरसीआर को पीएम का परमानेंट रेसिडेंस बनाया। 30 मई 1990 में इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
– बाद के वर्षों में आईके गुजराल जैसे कुछ प्रधानमंत्रियों ने 7 आरसीआर का अपने आवास के साथ ही पीएम ऑफिस के तौर पर भी इस्तेमाल किया।
– बता दें कि इससे पहले औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. अब्दुल कलाम रोड रखा जा चुका है।
पंचवटी था 7 आरसीआर का ऑफिशियल नाम
– दिल्ली की रेस कोर्स रोड (आरसीआर) पर यह भारतीय पीएम का ऑफिशियल रेसिडेंस है। वे ज्यादातर मीटिंग यहीं करते हैं।
– हालांकि, यह पीएम का दफ्तर (पीएमओ) नहीं है। पीएमओ सेक्रेटरिएट बिल्डिंग के साउथ ब्लॉक में है।
– 7 आरसीआर का ऑफिशियली नाम पंचवटी है। यह 12 एकड़ में फैला है।
– इसमें लुटियंस दिल्ली के 1980 के दशक में बनाए गए 5 बंगले हैं। इन सबको 7 आरसीआर कहा जाता है।
– हालांकि, यह पीएम का दफ्तर (पीएमओ) नहीं है। पीएमओ सेक्रेटरिएट बिल्डिंग के साउथ ब्लॉक में है।
– 7 आरसीआर का ऑफिशियली नाम पंचवटी है। यह 12 एकड़ में फैला है।
– इसमें लुटियंस दिल्ली के 1980 के दशक में बनाए गए 5 बंगले हैं। इन सबको 7 आरसीआर कहा जाता है।
– वहीं, 1940 में दिल्ली रेस क्लब की शुरुआत के बाद इस रोड का नाम रेस कोर्स रोड पड़ा था।
रॉबर्ट टोर रसेल ने तैयार किया था डिजाइन
– 7 आरसीआर का डिजाइन रॉबर्ट टोर रसेल ने तैयार किया था।
– रसेल ब्रिटिश आर्किटेक्ट लुटियंस की टीम में शामिल थे।
– लुटियंस ने 1920-1930 के दशक में नई दिल्ली को डिजाइन किया था।
– 7 आरसीआर का डिजाइन रॉबर्ट टोर रसेल ने तैयार किया था।
– रसेल ब्रिटिश आर्किटेक्ट लुटियंस की टीम में शामिल थे।
– लुटियंस ने 1920-1930 के दशक में नई दिल्ली को डिजाइन किया था।
