केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून की अधिसूचना जारी कर दी,ग्रह मंत्रालय की जारी अधिसूचना के साथ ही देशभर मे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है।
नागरिकता कानून पर कई दिनों से देशभर में विरोध एवं समर्थन का मिलाजुला स्वरूप देखने को मिला, इसकी शुरुआत असम से हुई थी। राज्यसभा में बिल पास होते ही विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके विरोध में हिंसा की आग कई शहरों तक पहुंची,उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक में हिंसक प्रदर्शन हुए। यूपी में करीब 19 लोगों की मौत हुई, कर्नाटक में तीन लोगों की मौत हुई,दिल्ली में भी भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था, विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला आज भी जारी है।
इसके साथ ही दूसरी और समर्थन मैं भी पूरा देश उमड़ पड़ा ,मध्य प्रदेश मैं CAA के समर्थन में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया, शांतिपूर्ण तरीके से शांति मार्च निकालते हुए इस बिल का समर्थन किया एवं अब सभाओं का दौर शुरू हो रहा है जिसमें जनता को नागरिक संशोधन बिल के बारे में जानकारी दी जाएगी एवं इसकी उपयोगिता के बारे में बताकर लोगों का भ्रम दूर किया जाएगा।
बाहर हाल नागरिक संशोधन बिल के लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन एवं हिंसक प्रदर्शन और उसके बाद समर्थन के बीच इसे देशभर में लागू करना, गृहमंत्री अमित शाह के लिए एक बड़ी चुनौती थी लेकिन गृह मंत्रालय का इसे पूरे देश में लागू करना गृह मंत्री अमित शाह एवं मोदी सरकार की दृढ़ निश्चय एवं देश हित में आत्मविश्वास से भरपूर कुशल कार्यशैली के रूप में देखा जा रहा है।
2014 के बाद से ही मोदी सरकार ने एक के बाद एक कई बड़े एवं ऐतिहासिक कदम उठाएं जिनमें नोटबंदी ,जीएसटी ,सर्जिकल स्ट्राइक ,एयर स्ट्राइक, धारा 370 का खात्मा ,ट्रिपल तलाक का खात्मा, राम मंदिर निर्माण में सकारात्मकता ,नागरिक संशोधन बिल ,NPR प्रमुख हैं, ओर ये सारेज जोखिम भरे कदम मोदी सरकार ने अपने आत्म विश्वास के बल पर लिए ,ओर भारत की जनता ने भी इसको सर आखों पर लेकर भरपूर सहयोग एवम समर्थन किया,यही कारण है कि मोदी सरकार अब कोई भी देशहित में बड़ा कदम उठाने में जरा भी संकोच नहीं कर रही है।
वहीँ विपक्षी पार्टियों की बात करें तो इन सारे मुद्दों पर कांग्रेस सहीत कई राजनैतिक दलों ने विरोध किया, लेकिन विरोध का कारण ,एवम इन मुद्दों में क्या सही और क्या गलत है ,का जनता के सन्मुख विश्लेषण करने में नाकाम साबित हुई।
