नागरिक संशोधन बिल संविधान की मूल भावना से हटके हैं, इससे तकलीफ आ रही है ,कोई कारण नहीं था की संविधान में संशोधन किया जाए ,हम एनआरसी को राजस्थान में लागू नहीं करेंगे ,पूरे मुल्क में अमित शाह बार-बार बोल बोल कर बोलकर लोगों को भड़का रहे है-अशोक गहलोत ,मुख्यमंत्री राजस्थान।
नागरिक संशोधन बिल का जो विरोध कर रहे हैं उनसे कहता हूँ कि एक बार विस्थापित होकर देखें ओर यह बताओ कि तकलीफ हुई कि नहीं ,इस देश में कोई समझना नहीं चाहता है इस की विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 23% पर्सेंट थी ,2011 की जनगणना के आधार पर घटकर 1% रह गई ,तो आप और हम इस कांग्रेस की सरकार से पूछे की ,क्या 23 परसेंट पाकिस्तान में हिंदू आबादी कहां चली गई, क्या हवा में उड़ गए या समुद्र में समा गए या इन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया या भाग के हिंदुस्तान आ गए या यह जहर खा कर मर गए इन सवालों का जवाब अगर कांग्रेस तुम में दम है ,तो अशोक गहलोत मैं तुम्हें चुनौती देता हूं, तू जोधपुर में रहता है ,जोधपुर में रहने के बाद भी तू इस पीड़ा को समझता नहीं है, जो बच्चा सड़क पर ठंड में ठिठुर रहा है जो मां बाप अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं ,जो नारकीय जीवन जी रहा है, तुम उनके वोटों के आधार पर घमंड कर कह रहा है ,कि में नागरिक संशोधन बिल लागू नहीं होने दूंगा ,तू क्या तेरी सात पीढ़ी भी इसको लागू करेगी, तुम संविधान की शपथ लेते हो मुख्यमंत्री बनते हो ,कहां गई वो शपथ ?,संविधान मैं कानून मैं अमेंडमेंट कौन करता है? पार्लियामेंट करती है ,और हिंदुस्तान की पार्लियामेंट ने इसे पास कर दिया है तो तेरी क्या औकात है ,लोगों को भ्रमित करते हो ,केवल अपना उल्लू सीधा करने के लिए, वोटों की खेती पकाने के लिए, तुमने हिंदुस्तान को 70 साल मैं बर्बाद करके रख दिया है- गुलाबचंद कटारिया पूर्व गृहमंत्री मंत्री राजस्थान।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि नागरिक संशोधन बिल संविधान की मूल भावना से हटके और हम एनआरसी राजस्थान में लागू नहीं करेंगे ,ऐसे मैं जनता कांग्रेस से सवाल है कि संविधान की मूल भावना क्या कहती है और नागरिक संशोधन बिल पर उनका विरोध किस बात पर है और एनआरसी को वी क्यों लागू नहीं करेंगे,इसका जवाब उनको जनता को देना चाहिए।
वहीं राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की विभाजन के समय 23 परसेंट जनसंख्या थी, जो 2011 की जनगणना के बाद घटकर एक परसेंट रह गई ,इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या लगातार कम होती जा रही है।
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में स्पष्ट किया की नागरिक संशोधन बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू ,सिख ,जैन ,ईसाई, पारसी जो इन देशों में प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं वे भारत में नागरिकता ले सकते हैंं ,वहीं विभाजन के बाद हजारों विस्थापित परिवार आज भी भारत की नागरिकता नहीं ले पाए और सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने पर मजबूर है,जिन्हें भारत की नागरिकता मिलना आवश्यक है और भारत सेे घुसपैठियों को भी बाहर करना आवश्यक है, नागरिक संशोधन बिल से भारत में रह रहे मुस्लिम सहित अन्य सभी धर्मों के नागरिकों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा और उन्हें अपनी नागरिकता के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
बहरहाल नागरिक संशोधन बिल अब कानून का रूप ले चुका है, और उस पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध स्वरूप हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, शासकीय, अशासकीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जिन लोगों ने शासकीय शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उसकी वसूली उन लोगों की संपत्ति से की जाएगी, देश की संसद मैं जहां हर धर्म, जाति और संप्रदाय के सांसद मौजूद हैं एवं इस बिल पर चर्चा करने के बाद बहुमत के आधार पर नागरिक संशोधन बिल पास हुआ ,लेकिन देश की 90% जनता नागरिक संशोधन बिल की बारीकियों को अब तक नहीं जान पाया है ,कुछ लोगों का कहना है कि उनकी नागरिकता समाप्त कर दी जाएगी ,उन्हें देश निकाला दे दिया जाएगा ,जबकि वास्तविक में ग्रह मंत्री ने कहा है कि इस बिल से भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोगों को इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि जनता को यह अधूरा ज्ञान कौन दे रहा है? जनता को कौन बरगला रहा है? कौन भीड़ भड़का रहा है? और क्यों ?,वहीं सरकार को चाहिए कि वह पूरे देश के लोगों को नागरिक संशोधन बिल एवं एनआरसी के संवैधानिक बारीकियों से जनता को अवगत कराएं ताकि जनता का भ्रम दूर हो सके एवं भ्रमित करने वालों को भ्रमित करने का मौका न मिल सके, वहीं जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है।
