नई दिल्ली.फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को मोदी सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी। फ्रांस के डिफेंस मिनिस्टर जीन वेस ली ड्रायन की मौजूदगी में शुक्रवार को दोनों देश डील पर साइन कर सकते हैं। भारत को 7.878 बिलियन यूरो (करीब 59 हजार करोड़ रुपए) में 36 राफेल मिलेंगे। दोनों देशों के एक्सपर्ट्स ने सौदे के सभी बिन्दुओं को आखिरी रूप दे दिया है। विमानों की सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के बाद से 36 महीनों के अंदर शुरू होगी और 66 महीनों में ही सारे विमान भारत को मिल जाएंगे। एयरफोर्स की बढ़ेगी ताकत…
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राफेल डील को इंडियन एयरफोर्स का अब तक का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है।
– कैबिनेट की डिफेंस मामलों की कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है।
– गुरुवार शाम तक फ्रांस के डिफेंस मिनिस्टर नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके साथ Dassault Aviation के CEOs भी भारत आ रहे हैं। राफेल को फ्रांस की Dassault Aviation बनाती है।
– कैबिनेट की डिफेंस मामलों की कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है।
– गुरुवार शाम तक फ्रांस के डिफेंस मिनिस्टर नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके साथ Dassault Aviation के CEOs भी भारत आ रहे हैं। राफेल को फ्रांस की Dassault Aviation बनाती है।
– शुक्रवार को इस डील का ऑफिशियली एलान किया जा सकता है। बता दें कि 2007 में इस डील पर बातचीत शुरू हुई थी।
– भारत ने राफेल को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड और रूसी मिग विमानों के मुकाबले तरजीह दी है।
– दरअसल, एयरफोर्स के पास अभी 44 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, लेकिन पुराने प्लेन फेज आउट होने से 34 स्क्वाड्रन ही बचे हैं।
– फाइटर्स प्लेन की सख्त जरूरत है। आखिरी बार वायुसेना को 1996 में रूस से सुखोई 30 एमकेआई मिले थे। पुराने हो चुके मिग-21 और मिग-27 विमान बेड़े से हटाए जा रहे हैं।
– फाइटर्स प्लेन की सख्त जरूरत है। आखिरी बार वायुसेना को 1996 में रूस से सुखोई 30 एमकेआई मिले थे। पुराने हो चुके मिग-21 और मिग-27 विमान बेड़े से हटाए जा रहे हैं।
अल कायदा के खिलाफ तबाही मचा चुका है राफेल
– राफेल को फ्रांस की Dassault Aviation बनाती है। राफेल का फ्रेंच में मतलब होता है तूफान। राफेल दो इंजन वाला मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है।
– स्पीड 2250-2500 किमी प्रति घंटे तक। फ्यूल कैपेसिटी 4700 लीटर।
– यह एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भर सकता है। ब्रह्मोस जैसी 6 एटमी हथियार वाली मिसाइल ढोने की काबिलियत।
– 3 लेजर गाइडेड बम, हवा से जमीन पर मार करने वाली 6 मिसाइल। हवा में भी फ्यूल भरने की कैपेसिटी। लगातार 10 घंटे तक उड़ सकता है।
– फ्रांस सरकार ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इसे बनाना शुरू किया था।
– बाद में जब बाकी तीन देश अलग हो गए तो फ्रांस ने अकेले दम पर ही प्रोजेक्ट को पूरा किया।
– राफेल को लीबिया, माली और इराक में इस्तेमाल किया जा चुका है। अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ नाटो के अभियान में इसका अहम रोल था।
– स्पीड 2250-2500 किमी प्रति घंटे तक। फ्यूल कैपेसिटी 4700 लीटर।
– यह एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भर सकता है। ब्रह्मोस जैसी 6 एटमी हथियार वाली मिसाइल ढोने की काबिलियत।
– 3 लेजर गाइडेड बम, हवा से जमीन पर मार करने वाली 6 मिसाइल। हवा में भी फ्यूल भरने की कैपेसिटी। लगातार 10 घंटे तक उड़ सकता है।
– फ्रांस सरकार ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इसे बनाना शुरू किया था।
– बाद में जब बाकी तीन देश अलग हो गए तो फ्रांस ने अकेले दम पर ही प्रोजेक्ट को पूरा किया।
– राफेल को लीबिया, माली और इराक में इस्तेमाल किया जा चुका है। अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ नाटो के अभियान में इसका अहम रोल था।
अभी क्या है स्थिति?
– भारत ने हाल ही में देश में ही बने 2 तेजस फाइटर को एयरफोर्स में शामिल किया है। हालांकि इसका पूरा एडवांस्ड वर्जन 2018 तक आएगा।
– तेजस को शामिल कर भारत ने एक तरह से फाइटर प्लेन की सेकंड लाइन तैयार की है।
– वहीं अमेरिकी F/A-18 और F-16 फाइटर और स्वीडिश ग्रिपन-ई को भी भारत में ही बनाने के लिए बातचीत जारी है।
– इन सभी 4th जेनरेशन के फाइटर प्लेन डेवलप करने के अलावा भारत, रूस से मल्टी-रोल FGFA सुखोई टी-50 या PAK-FA के लिए बात करने वाला है।
– रूस के साथ 5th जेनरेशन फाइटर के लिए रिसर्च एंड डेवलमेंट (R&D) डिजाइन को इस साल अंतिम रूप दे सकता है।
– भारत ने हाल ही में देश में ही बने 2 तेजस फाइटर को एयरफोर्स में शामिल किया है। हालांकि इसका पूरा एडवांस्ड वर्जन 2018 तक आएगा।
– तेजस को शामिल कर भारत ने एक तरह से फाइटर प्लेन की सेकंड लाइन तैयार की है।
– वहीं अमेरिकी F/A-18 और F-16 फाइटर और स्वीडिश ग्रिपन-ई को भी भारत में ही बनाने के लिए बातचीत जारी है।
– इन सभी 4th जेनरेशन के फाइटर प्लेन डेवलप करने के अलावा भारत, रूस से मल्टी-रोल FGFA सुखोई टी-50 या PAK-FA के लिए बात करने वाला है।
– रूस के साथ 5th जेनरेशन फाइटर के लिए रिसर्च एंड डेवलमेंट (R&D) डिजाइन को इस साल अंतिम रूप दे सकता है।
