उज्जैन, तारीख पे तारीख ,मोहलत पर मोहलत वो भी धारा 144 के लागू होने के बाद ,आखिर उज्जैन नगर निगम पशुपालकों पर इतना मेहरबान क्यो है ,सूत्रों से जानकारी मिली है कि निगम के पास आवारा पशुओं के रख रखाव की कोई व्यवस्था नही है ,शहर की सड़कों चौराहों ,कालोनियों में आवारा मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं , जिसे देखकर लगता है कि निगम ने पशुपालको के आगे घुटने टेक दिए हैं ,जगह जगह गंदगी और दुर्घटनाओं के कारण बन रहे हैं,स्वच्छता अभियान, एवम स्मार्ट सिटी को आधार बनाकर निगम लोगों की जेबें काट रहा है और परिणाम सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रदर्शित हो रहें हैं ,पशुपालको पर सख्ती दिखाने की बजाय निगम इन दिनों लोगो के एन केन प्रकारेण मुँह बंद करने की प्रयास करने में लगी है।
पिछले कई महीनों से उज्जैन की जनता आवारा मवेशी ,कचरा एवम उससे उपजी गंदगी से जूझ रही है ,मजबूरी एवम हालात को कुछ दिन टालने के चलते निगम ने पशुपालकों को 15 दिनों की मोहलत दी थी ,जिसको खत्म हुए भी कई दिन हो गए हैं, दिपावली त्यौहार में महज कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन निगम इसको लेकर गंभीर नही है ,हालात यह है कि आये दिन शहर की जनता का कभी अपने जनप्रतिनिधि से तो कभी निगम आयुक्त से विवाद हो रहा है ।

तीन दिन पूर्व ही मक्सी रोड फ्रीगंज के निवासी तिवारी परिवार से निगमायुक्त का आवारा पशुओं द्वारा गंदगी फैलाने ,जिसे डस्ट बीन में डालने को लेकर विवाद चर्चा में है,बजाय गंदगी होने से रोकने के लिए पशुओं की धरपकड़ एवम पशु पालकों पर कार्यवाही करने के ,निगम जनता का मुंह बंद करने का प्रयास करती दिख रही है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि सड़कों पर एवम घर के बाहर फैली गंदगी दूसरे दिन तक कचरा साफ करने वाले एवम कचरा गाड़ी आने तक कैसे साफ हो और यह सड़कों का कचरा कोई टूटे फूटे डस्ट बीन में डालता है तो निगमायुक्त एक वृद्धा पर कार्यवाही करने की बात कह रही है ।
बहरहाल तीन दिनों के बाद कि मक्सी रोड़ की वस्तुस्थिति आपके सामने है ,जिससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि निगम शहर में गंदगी एवम आवारा मवेशियों की रोकथाम के लिए कितना सक्रिय हैं ,अब स्मार्ट सिटी उज्जैन की जनता को निगम के जागने का इंतजार है।

