शहर में अनेक क्षेत्र हैं, इन्हें अलग अलग वार्ड नंबर में बांटा गया ,एवं हर वार्ड के क्षेत्रवासियों की समस्याओं के निवारण ओर सुचारू व्यवस्था के लिए जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने जनप्रतिनिधियों को चुनते हैं ,वहीँ शासन प्रशासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी क्षेत्रवासियों मिल सके,लेकिन उज्जैन के वार्ड नम्बर 38 , जो कि गंदगी एवम अव्यवस्था के चलते विवादों से इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, गौरतलब है की वार्ड नम्बर 38 की जनप्रतिनिधि हैं श्रीमती राजश्री जोशी, को क्षेत्रवासी कोटवानी परिवार जिसकी Ak बिल्डिंग चौराहे पर स्थित दुकान के पीछे पसरी गंदगी के विषय मे अवगत कराने एवम उसकी सफाई ना होने के सम्बंध में पार्षद पति राजेंद्र जोशी से विवाद हुआ,नतीजतन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि द्वारा क्षेत्रवासी कोटवानी परिवार पर माधव नगर थाने में केस दर्ज करवाया गया ,जो कि क्षेत्रवासियों एवम जनप्रतिनिधि के बीच असामन्यजस्ता को प्रदर्शित करता है, इसके दो दिन पूर्व भी क्षेत्रवासी(जैन) द्वारा गंदगी एवम आवारा पशुओं के फ़ोटो वाट्सएप ग्रुप पर डालने के चलते पार्षद पति राजेन्द्र जोशी से विवाद हुआ था।
वार्ड नंबर 38 का MPEB मक्सी रोड़ से ज़ीरो पाइंट ब्रिज तक का हिस्सा कई वर्षों से प्रशासन एवम जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है ,आलम यह है कि पूरे क्षेत्र में जहाँ फुटपाथ पर ब्लाग लगाए जा चुके हैं ,यह क्षेत्र फुटपात पर ब्लॉग ना लगने से गंदगी एवम कीचड़ से सराबोर हो रहा है ,पार्षद द्वारा पिछले 4 सालों से टेंडर होने का एवम बहोत जल्द काम शुरू होने का दिलासा दिया जा रहा है, वहीं इस रहवासी क्षेत्र के पीछे एक टूटा फूटा नाला ,रेलवे एवम नगर निगम की सीमा के बीच स्थित है, जिसमे गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिसके चलते क्षेत्र वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इस विषय में पार्षद अनुसार पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय द्वारा एक नाला सेंशन करवाया गया है जिसके टेंडर भी होगये है लेकिन पिछले 4 वर्षों से इसका निर्माण का कार्य शुरू नही हो पाया है ओर समस्या जस की तस बनी हुई है,जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है, चर्चा ऐसी भी है कि क्षेत्रवासी इन दोनों विषयों की समस्याओं के निवारण हेतु जल्द ही ,निगमायुक्त एवं महापौर से मिलने की तैयारी में हैं,वहीँ इन समस्याओं की शिकायत CM हेल्पलाइन में भी करने की बात कही जा जा रही है।
बहरहाल शासन-प्रशाासन को क्षेत्रवासियों की समस्याओं के निवारण करने में संज्ञान लेने की आवश्यकता है, वहीं चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी क्षेत्रवासियों की समय रहते समस्याओं का निदान करने में सक्रियता दिखाना होगी ,क्योंकि समस्याओं के निवारण में विलंब होने से क्षेत्रवासियों एवम जनप्रतिनिधि के बीच के विश्वास की डोर टूटने की स्थिति बन जाती है ,यही वजह विवाद होने का प्रमुख कारण बनती हैं।
