उज्जैन, कमलनाथ सरकार उज्जैन के प्रमुख केंद्र महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रों में विकास के कार्य कराने की तैयारी में है, शुक्रवार को उज्जैन में हुई एक उच्च स्तरीय मीटिंग ,जिसमें प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ,जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ,मुख्य सचिव एसआर मोहंती एवं उज्जैन संभाग के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे, वहीं उज्जैन शहर के दोनों विधायक मीटिंग से नदारद थे, मीटिंग के उपरांत पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि उज्जैन के लिए कई विकास कार्य प्रदेश की सरकार कराने जा रही है, जिसमें महाकाल मंदिर का विकास काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा कई मामलों में टेंडर हो गये है, सितंबर से काम शुरू हो जाएगा, वहीं मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि यह प्रोजेक्ट 200 करोड़ से 1000 करोड़ तक का हो सकता है लेकिन कितना खर्च होगा यह अभी तय नहीं है, पत्रकारों ने जब यह सवाल किया कि सरकार का प्रोजेक्ट क्या है ?,कितने क्षेत्रफल में होगा?, कौन-कौन से क्षेत्र इसमें शामिल किए गए हैं ?,लेकिन मंत्रियों एवं मुख्य सचिव ने इसका खुलासा नहीं किया ,उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र इसमें शामिल किया गया है ,एक तरफ सरकार के मंत्रियों का कहना है कि उज्जैन की जनता से सुझाव लिए गए हैं सुझाव आए भी हैं , टेंडर प्रक्रिया भी चल रही है और सितंबर से काम शुरू हो जाएगा, लेकिन मीडिया को प्रोजेक्ट की कोई जानकारी नहीं दी गई, ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इतना बड़ा प्रोजेक्ट पर्दे के पीछे क्यों बन रहा है?, इस तारतम्य में महाकाल मंदिर एक्ट में भी संशोधन किया जाएगा।
महाकाल मंदिर के आसपास काफी बड़ा क्षेत्र है जिसमें रहवासी क्षेत्र भी है ,व्यापारिक क्षेत्र भी है जिसमें कई मकान ,दुकान एवं होटलें है ,कई अतिक्रमण भी हैं, इस पूरे क्षेत्र में कहां क्या विकास कार्य किया जाएगा, एवं कौन-कौन से क्षेत्र इसमें प्रभावित होंगे, उन क्षेत्रों में कितने लोग इस प्रोजेक्ट से लाभान्वित एवं प्रभावित होंगे?, विकास कार्य का प्रारूप क्या होगा, किस में कितना पैसा लगेगा, यह सारी जानकारी अभी मध्य प्रदेश सरकार ने उजागर नहीं की है, ऐसे में सवाल यह है कि किसी को कोई जानकारी नहीं है ,फिर काम सितंबर में कैसे और क्या शुरू होगा और सैकड़ों करोड़ के इस प्रोजेक्ट में इतनी गोपनीयता के क्या कारण है ?
बहरहाल प्रदेश सरकार जहां एक और महाकाल मंदिर क्षेत्र में 200 से 1000 करोड़ लगाने को तैयार है तो वहीं दूसरी और उज्जैन मैं बेरोजगारी का ग्राफ चरम पर पहुंच चुका है शहर के सभी बड़े उद्योग बंद हो चुके हैं और पिछले 30 सालों से कोई नया उद्योग नहीं लगा है, हजारों युवा बेरोजगार हैं ,हालात यह हैं कि हजारों उज्जैन के युवा बसों एवं ट्रेनों से इंदौर एवं अन्य जगहों पर रोजगार के लिए जाने को मजबूर हैं ,सरकार को उज्जैन के युवाओं की बेरोजगारी दूर करने के उपायों पर भी प्राथमिकता से विचार करने की आवश्यकता है।

