कश्मीर का आंतरिक सच, जिसे बयां करता एक मर्म स्पर्शी चित्रण

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कश्मीर को यूं तो भारत की धरती का स्वर्ग कहा जाता है लेकिन उस स्वर्ग में रहने वाली आम जनता का जीवन  गरीबी ,लाचारी एवं बेरोजगारी  से व्याप्त है जिसके कारण वास्तविक में स्वर्ग में रहने के बाद भी उनका जीवन अंधकार मय है।

इन हालातों का कोई उत्तरदाई है तो वह कुछ चुनिंदा कश्मीरी हुक्मरान, जिन्होंने इन  70 सालों में न सिर्फ सत्ता की मलाई खाई बल्कि भारत सरकार को भी 370 और 35A की आड़ में जमकर  नोचा, इन्होंने भारत सरकार से विशेष दर्जे के चलते आम कश्मीरियों  को मिलने वाली करोड़ों रुपए की मदद उन तक ना पहुंचा कर खुद डकार गए इनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी न सिर्फ कश्मीर में है बल्कि दुनिया के कई देश मैं भी है ,इनके बच्चे विदेशों में आला दर्जे की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं एवं कश्मीर की आम जनता का हाल बेहाल है, भारत सरकार से इन्हें विशेष सुरक्षा भी प्रदान की गई ,इन चुनिंदा हुक्मरानों ने  जम्मू कश्मीर की जनता   को भरोसे  में लिए बिना एवं सहमति के बगैर, विकास एवं प्रगति में बाधक धाराएं थोप कर आम कश्मीरियों को भारत की विकास एवं प्रगति की मुख्यधारा से अलग करने का काम किया, यही पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी कश्मीर की आम जनता की विकास की राह में मुख्य रोड़ा बने, उन्होंने सबसे पहले अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए वहां के हिंदू बाशिंदे सैकड़ों कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया एवं हजारों को खदेड़ कर बेघर कर दिया और इसे विडंबना ही कहेंगे की इस परिदृश्य को तत्कालीन भारत सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही, लेकिन बाकी बचे मुस्लिम परिवार आज तक इन अलगाववादियों की तानाशाही का दंश झेल रहे हैं।जिसका सजीव चित्रण है, मेरे साथ घटित हुई कश्मीर में वह घटना जिसको मैं आपके साथ साझा करता हूं,

बात 2003 की है जब मैं शादी के बाद माता वैष्णो देवी के चरणों में वंदन कर अपने वैवाहिक जीवन की मंगल कामना करने पहुंचा दर्शन के पश्चात एक नवविवाहित जोड़े से हमारा परिचय हुआ और हमने कश्मीर घूमने का मन बनाया एक पैकेज निर्धारित हुआ जिसमें कश्मीर की विभिन्न जगहों का भ्रमण कराया जाना था ,चौथे दिन की बात है जब हम श्रीनगर से पहलगाम की ओर निकले आसपास घने जंगल, ऊंची ऊंची पहाड़ियां और पूरे परिदृश्य में सन्नाटा, पूरे क्षेत्र में हमारी गाड़ी के अलावा दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था, अचानक हम देखते हैं कि एक पेड़ रास्ते में कटा पड़ा है हमारी गाड़ी वहां जाकर रुकती है और हम देखते हैं कि 10 से 15 बड़ी-बड़ी दाढ़ी वाले कुछ लोगों ने हमको घेर लिया है गाड़ी में हम चारों अचंभित थे, ड्राइवर जम्मू  का  था   उसने उन लोगों से कश्मीरी भाषा में कुछ कहा जिसके बाद उन्होंने पेड़ रास्ते से हटा लिया, हमारी गाड़ी आगे बढ़ी ,वहां से पहलगाम लगभग 1 किलोमीटर रहा होगा सभी लोगों ने दौड़ते हुए 1 किलोमीटर तक हमारी गाड़ी का पीछा किया गाड़ी पहलगाम पहुंची पूरे पहलगाम में चारों तरफ सन्नाटा पसरा था हम चार लोगों के अलावा दूर-दूर तक कोई नहीं था मैंने देखा एक फौजी कैंप लगा था और बाहर एक फौजी खड़ा है मैंने तुरंत उतरकर फौजी को सारी बातें बताइए फौजी ने हमें पानी पिलाया और कहा कि आप घबराएं नहीं यह घोड़े वाले है, आतंकी वातावरण के चलते कम ही सैलानी यहां आते हैं जिसके चलते यह बेरोजगारी एवं गरीबी से जूझ रहे हैं आपको पहलगाम घूमना है तो घोड़े कर लीजिए अन्यथा यह आपको परेशान नहीं करेंगे ,बाबूजी घोड़े कर लीजिए… ऐसे मिन्नतें वे बार-बार करने लगे हमने पूछा कि क्या  लोगे एक बाबा ने कहा बाऊजी जो आपका दिल करे दे देना मैंने कहा कि नहीं पहले बताइए पहलगाम घुमाने का क्या लोगे ,बाबा ने लाचारी भरे व्यवहार से कहा बाबूजी 50  रुपये दे देना, मैं अचंभित रह गया, बाबा अचानक फिर बोले बाबूजी 50 ज्यादा तो नहीं है कुछ कम दे देना ,मेरी आंखें भर आई ,50 रुपये के लिए 1 किलोमीटर तक दौड़ लगाई ,फिर घुटने घुटने बर्फ में पैदल चल कर पूरा पहलगाम दिखाया, मैंने पूछा बाबा 50 रुपये में आपका एवं घोड़े का पेट कैसे भर पाएगा ,बाबा मेरी ओर लाचारी से देखते हुए बोले बाबूजी जैसे तैसे गुजारा कर लेते हैं, विडंबना यह थी कि वे थे 10,15 लेकिन हम सिर्फ चार ही  घोड़े कर पाए बाकी के लोग टक टकी लगाए देखते रह गए ,गरीबी एवं बेरोजगारी ने आम कश्मीरी की कमर तोड़ दी यह है वास्तविक में  कश्मीर  का आंतरिक सच ,इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ यहां के हुक्मरान जिन्होंने न सिर्फ धारा 370 एवं 35A की आड़ में भारत सरकार से अरबो रुपए  ऐठे  बल्कि आम कश्मीरी जनता को गरीबी एवं एक कुंठित जीवन जीने के लिए मजबूर किया  एवं उनकी प्रगति एवं विकास में प्रमुख बाधा साबित हुए।

बहरहाल जम्मू कश्मीर से धारा 370 एवम आर्टिकल 35A ,जो कि जम्मू कश्मीर के  प्रगति एवम विकास की प्रमुख बाधा थी ,जिसको खत्म करने का  साहसिक कदम मोदी सरकार द्वारा उठाया ,जिसकी  कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रशंसा की जा रही है ,वहीं यह ऐतिहासिक क़दम इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया ,साथ ही अगले 5 सालों में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर ,एवम लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश गठित करके प्रदेशो को विकास एवम प्रगति की मुख्य धारा में लाने का भी ऐलान किया।


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