एक देश ,एक कानून की दरकार

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भारत बहुत तेजी से विनाश की ओर बढ़ रहा है और इस विनाश के परिणाम इतने भयावह होंगे जिसकी कल्पना कर पाना भी मुश्किल है, भारत के लोगों को खाने का अन्न, पीने का पानी और सर छुपाने के लिए एक छत भी बमुश्किल नसीब हो पाएगी, ऐसी आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि 2024 तक भारत, चीन को पछाड़ते हुए दुनिया में जनसंख्या के मामले में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा ।
यूनिसेफ के अनुसार भारत में हर मिनट 51 बच्चे जन्म लेते हैं ,जो कि जन्मदर दुनिया में सबसे अधिक है ,11 जुलाई 1979 को यूनाइटेड नेशंस ने विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुवात कि इसके बाद से विश्व में अधिकांश देशों ने जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को खोज कर उन पर अमल कर जनसंख्या वृद्धि पर काबू पाया, चीन उनमें से एक देश है, लेकिन विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत के 39 साल बाद भी भारत के किसी राजनीतिक दल एवं किसी सरकार ने इस विषय पर कोई नीति का निर्धारण नहीं किया, नतीजतन भारत में जनसंख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है जो कि एक चिंता का विषय है, क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम को हम देखें तो सबसे बड़ी समस्या पानी की होगी, वहीं जनसंख्या वृद्धि के चलते अनाज की भरपाई भी मुश्किल होगी ,लोगों के रहने के आवास बनाने के चलते जंगल तेजी से खत्म होते जा रहे हैं जिसके चलते प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने का खतरा बढ़ रहा है,एवम जनसंख्या वृद्धि के कारण देश आर्थिक संकट से रूबरू हो सकता हैं ।
बाहर हाल आज जरूरत इस बात की है कि पिछली सरकारों ने क्या किया और क्या नहीं, इसको दरकिनार करते हुए मौजूदा सरकार को जनसंख्या वृद्धि पर “एक देश, एक कानून” के तहत यहां रहने वाले हर धर्म, जाति ,संप्रदाय के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून को अमल में लाना अति आवश्यक है ।
मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए भारत के हर एक नागरिक के लिए एक सख्त कानून बनाने की पैरवी की और कहां की जनसंख्या वृद्धि भारत के विकास की राह की सबसे बड़ी बाधा बनेगी और नियंत्रण ना होने पर भारत को आर्थिक रूप से कंगाली का सामना करना पड़ सकता है।
जरूरत इस बात की भी है कि भारत की जनता ने मोदी सरकार पर विकास के चलते भरोसा जताया है और एक स्पष्ट बहुमत दिया है, मोदी सरकार को भारत को अगर विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है और जनता के भरोसे पर खरा उतरना है, तो विकास की राह की इस प्रमुख बाधा “जनसंख्या वृद्धि” को नियंत्रण में लाने के लिए एक सख्त कानून की दरकार है, एवम सभी राजनैतिक दलों को भी इसमें अपनी सहमति देते हुए राष्ट्र हित के लिए सरकार का साथ देना आवश्यक है ,वहीं भारत के हर नागरिक को भी अपने भविष्य के प्रति जागरूक होने की भी आवश्यकता है।


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