विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की माली हालत देखे बगैर ही वादा कर दिया था कि ,कांग्रेस की सरकार आने पर 10 दिनों में किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा,अब हालात यह है कि किसानों के कर्ज माफ करना तो दूर की बात है ,सरकारी कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि अस्थाई ,बिना पेंशन ,बिना दुर्घटना बीमा ,मध्यप्रदेश पुलिस के बराबर काम ,वो भी बहोत कम वेतन में काम करने वाले होमगार्ड के जवानों का वेतन पिछले 3 माह से मध्यप्रदेश सरकार नही दे पा रही है, हालात यह है कि कड़ी धूप में दिन रात ड्यूटी देने वाले होमगार्ड के जवानों के घर के चूल्हे अब बुझने की कगार पर है,कमलनाथ सरकार हर माह दिलासे पर दिलासे दे रही है, लेकिन वेतन का कहीं अता पता नही है ।
जुलाई माह शुरू होने को है ,बच्चों के स्कूल, कॉलेज में नया सत्र शुरू हो चुका है, ऐसे में बच्चों की किताबें, स्कूल ड्रेस ,स्कूल की, बस की फीस का इंतजाम करना है, लेकिन सैनिकों की जेब 3 माह में खाली हो चुकी है, एवम अब वे ड्यूटी में मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं, मध्यप्रदेश सरकार ने इस विषय को प्राथमिकता से संज्ञान में नही लिया तो हालात बत से बत्तर होने के आसार हैं और इन हालतों में होमगार्ड के जवानों का कहना है कि उनके द्वारा उठाए हर कदम की जिम्मेदारी सरकार पर ही होगी ।
मध्यप्रदेश में लगभग 16000 होमगार्ड सैनिक है और 20,000रुपये प्रतिमाह की दर से 3 माह का लगभग
960,000,000 रुपये मध्यप्रदेश सरकार को होमगार्ड के जवानों के देना बाकी है, उसके बाद कई सरकारी विभागों के भी यही हाल है, वहीँ किसानों की कर्ज माफी भी सरकार की प्राथमिकता है क्योंकि अब 10 दिनों के 6 माह हो गए हैं और किसानों के सब्र का बांध भी टूटता नज़र आ रहा है, वहीँ किसानों को भावन्तर की राशि भी नही मिल पा रही है।
बाहर हाल कमलनाथ सरकार के लिए इस परिदृश्य से उभरना एक बड़ी चुनौती होगी,ओर ऐसे में होमगार्ड के जवानों की उम्मीद भरी निगाहे सरकार से कह रही है कि है नाथ कहीं हमारे घर के चूल्हे कहीं बुझ ना जाये।
