पिछले साल भारत और चीन में व्यापार का आंकड़ा 84 अरब डॉलर का था, जो 2020 तक 100 अरब डालर पहुंचने की संभावना है ,चीन इतना भारी-भरकम व्यापार भारत से करता है ,वह भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान विशेषकर मोबाइल, इलेक्ट्रिक आइटम्स, खिलौने ,फटाके एवं तमाम चीजों को भारत में भेजकर अरबों रुपयों की कमाई करता है, यहां एक सवाल उभर कर आता है कि भारत की जनता ,चीन को अरबों रुपए सालाना व्यापार के माध्यम से देती है ,और बदले में मिलता है चीन का भारत के खिलाफ वीटो पावर ।
भारत में पुलवामा हमले के जिम्मेदार जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने के लिए भारत एवं दुनिया के कई बड़े देशों द्वारा यूएन मैं प्रस्ताव लाया गया लेकिन लगातार चौथी बार चीन द्वारा अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए आपत्ति जाहिर की गई जिसके चलते यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया।
चीन ,पाकिस्तान को हथियार सप्लाई ,आर्थिक मदद से लेकर आतंकवादियों की ढाल तक बनने को तैयार हो जाता है ,सारी दुनिया जिसे आतंकी मान रही है ,वहीं चीन ,पाकिस्तान व आतंकियों के साथ खड़ा है, इससे यह स्पष्ट होता है कि चीन ,भारत के साथ “मुंह में राम ,बगल में छुरी “वाला रवैया अपना रहा है ,जहां एक और चीन ,भारत से अरबों रुपए कमाता है, वहीं दूसरी ओर ऐन वक्त पर भारत के खिलाफ खड़ा हो जाता है, पाकिस्तान एवं आतंकियों का हौसला बढ़ने की यही एक प्रमुख वजह है ,भारत की सरकार एवं जनता के लिए यह एक चिंतनीय विषय है जिस पर अब चिंतन करके जरूरी कदम उठाना आवश्यक है।
26 /11 के आतंकी हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद ,अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद भी खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहा है एवं उसे उसके किए की सजा अब तक नहीं मिली, इससे स्पष्ट होता है कि यूएन द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के क्या मायने हैं और किस तरह पाकिस्तान यूएन के इस फैसले की धज्जियां उड़ा रहा है ।
चीन द्वारा लगातार चौथी बार वीटो पावर का इस्तेमाल करने के चलते मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित नहीं हो पाया ,इस पर भारत मैं कई राजनैतिक दल इसे भारत सरकार की है कूटनीतिक विफलता मानते हैं,लेकिन 26 /11 के बाद भारत की कूटनीति कितनी सफल हुई है यह जगजाहिर है , भारत सरकार की यह कूटनीति सफल या विफल रही ,कहना जल्दबाजी होगी लेकिन दुनिया के कई बड़े देशों का भारत के साथ खड़ा होना यह बताता है कि सरकार का यह प्रयास जरूर सफल हुआ है।
बहरहाल ,भारत की सवा सौ करोड़ से ज्यादा जनता के वीटो पावर में इतना दम है कि वह किसी भारत के विरोधी देश को घुटने के बल चलने को मजबूर कर सकता है ,भारत की जनता को अब चीनी सामान के विकल्प को तलाशने की आवश्यकता है ,हमें अपने शहीद जवानों के लिए एवं देश को आतंकी संभावनाओं से मुक्ति के लिए ,भारत की जनता को चीन के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करने की आवश्यकता महसूस हो रही है ,और ऐसा कहा जाता है कि “भारत के लोग जो ठान लेते हैं, वह करके दिखाते हैं”
