
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारकों का दौर जोरों पर है ,बात उज्जैन की करें तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों की ओर से स्टार प्रचारक उज्जैन में सभाएं कर रहे हैं लेकिन यह दौरे उज्जैन की जनता के मन में एक संशय को जन्म दे रहे हैं ,की स्टार प्रचारक है किसके ?,पार्टी के या प्रत्याशी के।
यह सवाल इसलिए है ,क्योकि कांग्रेस के स्टार प्रचारक राज बब्बर उज्जैन आए और उज्जैन दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र वशिष्ठ की जीत के लिए एवं कांग्रेस कि सरकार बनाने का अनुरोध किया ,लेकिन एक ही शहर में काग्रेस से उत्तर के प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक राज बब्बर के साथ स्टेज शेयर नहीं किया, वहीं कांग्रेस के स्टार प्रचारक ज्योतिराज सिंधिया जिनका नाम कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के लिए सबसे ऊपर है ,ने उज्जैन में सभा की, जिसमें उन्होंने उज्जैन उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती एवं कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए जनता से अनुरोध किया ,जिसमें उज्जैन दक्षिण से प्रत्याशी राजेंद्र वशिष्ठ के नाम का कोई जिक्र नहीं था और ना ही राजेंद्र वशिष्ठ द्वारा ज्योतिराज सिंधिया के साथ स्टेज शेयर किया।
वहीं बीजेपी की ओर से स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने उज्जैन में सभा की जिसमें उन्होंने उज्जैन दक्षिण से बीजेपी प्रत्याशी मोहन यादव एवं बीजेपी की जीत के लिए आह्वान किया लेकिन इसमें उन्होंने उज्जैन उत्तर से बीजेपी प्रत्याशी पारस जैन का कहीं जिक्र नहीं किया और ना ही पार्टी का प्रचार करने आए योगी आदित्यनाथ के साथ पारस जैन नेे मंच शेयर किया।
अति व्यस्ततम शेड्यूल होने के चलते पार्टी के स्टार प्रचारकों के लिए यह संभव नहीं कि किसी शहर में एक से अधिक प्रत्याशियों के लिए एक पार्टी के लिए अलग अलग प्रचार करें, ऐसे में पार्टी के स्टार प्रचारकों की सभा में उसी पार्टी से दूसरे प्रत्याशी एवं कार्यकर्ताओं का सभा या रैली से किनारा करना, जनता के मन में कई सवाल एवम संशय को जन्म दे रहा है, जनता का ऐसा मानना है कि कहीं ना कहीं इसके पीछे गुटबाजी सक्रिय भूमिका में नजर आती है।
वहीं तहसील स्तर पर स्टार प्रचारकों द्वारा पार्टी एवं प्रत्याशी के लिए प्रचार करने पर या किसी निर्दलीय प्रत्याशी के किसी स्टार सेलिब्रिटी को प्रचार के लिए बुलाने पर ,जनता के मन में इस प्रकार का कोई सवाल या संशय जन्म नहीं लेता ।
बहर हाल स्टार प्रचारकों द्वारा पार्टी का प्रचार जोरों पर है, लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है स्टार प्रचारकों द्वारा पार्टी का प्रचार करने पर जो प्रत्याशी एक साथ स्टेज शेयर करने से कतरा रहे ,वह शहर के विकास के लिए कैसे एकता दिखाएंगे?, यह समय ही बताएगा ,लेकिन स्टार प्रचारकों की सभा मैं एक ही पार्टी कै प्रत्याशियों में एकता ना दिखना ,सवालों के घेरे में है।
ज्ञात रहे कि ,चुनाव के दौरान आने वाले वीआईपी व विशिष्ट लोगों को उनके दर्जे के अनुसार सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी, लेकिन इस व्यवस्था पर होने वाले संपूर्ण व्यय का भुगतान संबंधित राजनीतिक दल को करना होगा,प्रत्याशी को नही।
