मिस मैनेजमेंट

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उज्जैन नगर निगम ने इंदौर स्मार्ट सिटी की तर्ज पर उज्जैन में भी चौराहों पर लगे कचरा बॉक्स हटा दिए और घर घर कचरा इकट्ठा करने की मुहिम शुरू की लेकिन कचरा प्रबंधन को लेकर कुछ तकनीकी खामियों की वजह से इस व्यवस्था से और ज्यादा अव्यवस्था फैल रही है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, सुबह सवेरे जब सफाई कर्मी रोड एवं फुटपाथ की सफाई करते हैं वह कचरा चौराहों पर बॉक्स ना होने की वजह से जहां तहां इकट्ठा कर दिया जाता है ,कचरा गाड़ी उस कचरे को उठाने आती है तब तक वह कचरा या तो हवा में उड़ जाता है या शहर में खुलेआम विचरण करते गाय, कुत्ते एवं सूअर जिन पर उज्जैन नगर निगम प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहा है वे उस कचरे को जहां-तहां फैला देते हैं।

कुछ यही हाल घर घर कचरा कलेक्शन मुहिम का भी है, इस मुहिम के तहत कचरा गाड़ी घर घर से गीला कचरा सूखा कचरा इकट्ठा करती है लेकिन गाड़ी के आने का समय निर्धारित ना होने की वजह से एवं देर से आने की वजह से लोग अपने काम काज पर निकल जाते हैं और गीला कचरा सूखा कचरे की बाल्टी घर के बाहर रख जाते हैं कचरा गाड़ी आने के पूर्व शहर में अप्रतिबंधित पशु गाय, कुत्ते एवं सूअर इस कचरे को जहां तहां फैला देते हैं नतीजतन उज्जैन नगर निगम का कचरा प्रबंधन न सिर्फ फैल हो रहा है बल्कि इन अव्यवस्थाओं के चलते शहर में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उज्जैन नगर निगम शहर को मिस मैनेजमेंट के चलते पशु (गाय ,कुत्ते, सूअर ) मुक्त करने में असफल रहा है उसी प्रकार जल्दबाजी में चौराहों से कचरा बॉक्स हटाकर उपरोक्त तकनीकी परेशानियों को दरकिनार करने के चलते कचरा प्रबंधन मैं भी असफल हो रहा है जिसका खामियाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है नगर निगम को शहर को पशु मुक्त मुहिम को सख्ती से लागू करने एवं कचरा प्रबंधन में सुधार करने की आवश्यकता है। अन्यथा न सिर्फ उज्जैन का स्मार्ट सिटी बनाने का सपना अधूरा रह सकता है बल्कि स्वच्छता अभियान मैं भी उज्जैन का अव्वल आना मुश्किल है।


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