भारत के पहले उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री रहे, सरदार वल्लभ भाई पटेल, जिन्होंने 562 रियासतों में बिखरे भारत को एक करने का असंभव सा ऐतिहासिक कार्य संभव कर दिखाया, यह ऐसा कार्य था जिसके असफल होने पर आजादी के कोई मायने नहीं रह जाते ,यही वजह रही कि गांधीजी ने, जिनके की वे खास सलाहकार या यूं कहें कि दायां हाथ कहे जाने वाले सरदार पटेल को “लौह पुरुष ” का नाम दिया ।
आज उनकी 143 वी जयंती पर भारत में उनकी 182 मीटर ऊंची विश्व विक्रमी प्रतिमा जिसका अनावरण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि बतौर प्रधानमंत्री देश को स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देश को समर्पित करने का मौका मिला , भारत ने उनका कद विश्व में सबसे ऊंचा कर दिया ,सरदार पटेल देश के ऐसे सपूत के रूप में याद किए गए जिन्होंने अखंड भारत का निर्माण किया।
वहीं दूसरी ओर आज एक ऐसी दबंग और अपनी निर्भीक छवि के लिए आयरन लेडी के रूप में जानी जाने वाली भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी 34 वी पुण्यतिथि पर भारत की जनता ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इंदिरा गांधी को आयरन लेडी उनके बुलंद हौसलों एवं निडर छवि के चलते लिए हुए फैसलों, जिनमें पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर ,आजाद बांग्लादेश का निर्माण कराना, पहला परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाना ,जिसके कारण भारत को अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा एवं देश में बढ़ते विरोध के चलते उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा करने जैसा कड़ा फैसला भी लिया और उन्हें आयरन लेडी का नाम दिया गया।
पंजाब में उन दिनों उग्रवाद ने पैर पसार रखे थे, स्वर्ण मंदिर में छिपे उग्रवादियों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेना भेजकर मार गिराया ,जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का नाम दिया गया ,यह हादसा स्वर्ण मंदिर में होने के चलते सिक्खों की धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा और उन्हें न सिर्फ घोर विरोध का सामना करना पड़ा बल्कि उनकी मृत्यु का कारण भी बना।
आज भारत की जनता ने आयरन मैन एवं शहीद आयरन लेडी दोनों को उनके साहसिक कार्यों एवं अतुलनीय योगदान के लिए याद किया।
